Move to Jagran APP

लखनऊ: आयुर्वेद के पुराने दिन वापस लाने की जुगत में लगा है ये शख्स

ऐसे में रसोई और घरों से गायब हो चुके दादा-दादी के नुस्खों से जनमानस को फिर से जोड़ने का संकल्प लिया। लोगों को घर के आस-पास की हर मौसम में उगने वाली वनस्पतियों की पहचान कराना शुरू किया। साथ ही उसके उपयोग और रोग के बचाव की जानकारी भी दी।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 06:00 AM (IST)
लखनऊ: आयुर्वेद के पुराने दिन वापस लाने की जुगत में लगा है ये शख्स

आयुर्वेद वर्षों तक उपेक्षा की शिकार रही है। वक्त ऐसा भी आया कि आयुर्वेद चिकित्सक को लोग दोयम दर्जे का समझने लगे। अब समय बदला है और फिर इस पद्धति को वरीयता दी जा रही है। लोगों में जागरूकता और विश्वास बढ़ा है, लेकिन लंबे अंतराल के चलते नई पीढ़ी दादा-दादी के घरेलू नुस्खे भूल गई है। घरों में सहेज कर रखी जाने वाली आस-पास की जड़ी-बूटी (वनस्पति) को लोग उखाड़ कर फेंक रहे हैं।

loksabha election banner

लोग ऐसा न करें, इसके लिए उन्हें जानकारी देने का जिम्मा उठाया है राजधानी के डॉ. एसके पांडेय ने। वह शहर से लेकर गांव तक औषधीय जड़ी-बूटियों की पहचान, उपयोग और उसके लाभों से आम लोगों को जोड़ रहे हैं।

राजधानी के लोहिया अस्पताल में तैनात डॉ. एसके पांडेय आयुर्वेद चिकित्सक हैं। वर्ष 1974 में सुल्तानपुर में जन्मे डॉ. पांडेय वर्ष 1988 में लखनऊ आए। वर्ष 2000 में बीएएमएस की पढ़ाई कर चिकित्सकीय पेश से जुड़े। डॉ. पांडेय के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाने पर आभास हुआ कि लंबे अंतराल तक आयुष चिकित्सा पद्धति के दरकिनार होने से नई पीढ़ी सामान्य बीमारियों के घरेलू नुस्खे भी भूल गई।

ऐसे में रसोई और घरों से गायब हो चुके दादा-दादी के नुस्खों से जनमानस को फिर से जोड़ने का संकल्प लिया। लोगों को घर के आस-पास की हर मौसम में उगने वाली वनस्पतियों की पहचान कराना शुरू किया। साथ ही उसके उपयोग और रोग के बचाव की जानकारी भी दी।

अपने शहर को शानदार बनाने की मुहिम में शामिल हों, यहां करें क्लिक और रेट करें अपनी सिटी

खुद के धन से तैयार की धन्वंतरि वाटिका

डॉ. पांडेय ने लोहिया अस्पताल, आयकर भवन परिसर-प्रज्ञा भवन, बहराइच, सुलतानपुर में कई जगह छोटे-छोटे स्थानों में धन्वंतरि वाटिका तैयार की हैं। इनमें पुनर्नवा, अर्जुन, स्टीविया, कालमेघ, भृंगराज, मकोय, अश्वगंधा, सफेद मूसली समेत कई वनस्पति के पौधे लगाए हैं। इन पौधों पर वनस्पति के नाम के साथ पूरा ब्योरा लिखी प्लेट भी लगवाई हैं।

अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों को संबंधित पौधों की पहचान कराकर वे घर के आस-पास और खेतों में उगने पर संरक्षित करने की सीख देते हैं। साथ ही संबंधित रोग के निदान और बचाव को लेकर उपाय भी बताते हैं। यह जानकारी शहर और गांव के विभिन्न इलाकों में स्वास्थ्य शिविर में भी लोगों को देते हैं, ताकि सामान्य बीमारियों के लिए व्यक्ति डॉक्टर तक दौड़भाग के बजाए घरेलू नुस्खों से खुद इलाज कर सके। वह स्वास्थ्य परीक्षण के साथ मरीज को खुद के पास से दवा भी बांटते हैं।

औषधीय खेती को भी दे रहे बढ़ावा

डॉ. एके पांडेय बाराबंकी, बहराइच, सुलतानपुर, गोंडा और रायबरेली जैसे आसपास के जिलों में जाकर गांव के प्रधान से संपर्क करते हैं, यहां वह उन्हेंं औषधीय पौधों के बारे में बताते हैं, ताकि किसान पारंपरिक खेती के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकें।

कई लोगों को कर चुके हैं प्रेरित

बाराबंकी के रामचंद्र सी-मैप से जानकारी लेकर खेती कर रहे थे। वहीं डॉ. एसके पांडेय से भी उनकी मुलाकात हुई। इस दौरान उन्होंने तमाम औषधीय पौधों और उसके बाजार के बारे में बताया। अब रामचंद्र खुद तो औषधीय खेती कर ही रहे हैं, क्षेत्र के पांच-छह और किसानों को प्रेरित किया है।

तब प्रैक्टिस करना भी चुनौती था

डॉ. पांडेय बताते हैं कि जब उन्होंने बीएएमएस किया, उस वक्त आयुर्वेद चिकित्सक को लेकर समाज का एक अजीब नजरिया था। मरीज सामान्य बीमारियों के लिए भी एलोपैथ चिकित्सक को प्राथमिकता देता था। लिहाजा प्राइवेट प्रैक्टिस करना भी चुनौती था। हाल के वर्षों में अब काफी बदलाव आ गया है, लोग आयुष की तरफ आकर्षित हुए हैं।

आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए ये जरूरी

  1. - लैब के स्टैंडर्ड कड़ाई से लागू किए जाएं, ताकि हाईजीन और क्लीनिकल प्रोटोकॉल फॉलो हो सकें।
  2. - औषधीय खेती को बढ़ावा दिया जाए, जिससे किसानी व निर्माण क्षेत्र दोनों समृद्ध हों।
  3. - सामान्य वनस्पतियों के प्रति जन-जन को जागरूक किया जाए।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.