माय सिटी माय प्राइडः मैत्री संबंध और समाजसेवा की मिसाल है इनरव्हील क्लब
क्लब ने इस वर्ष इटौंजा स्थित पर्वतपुर गांव को गोद लेकर वहां की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की पहल की है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। शहर और आसपास के क्षेत्र में एक बड़ा तबका आज भी मूलभूत सुविधाओं से महरूम है। कुछ मलिन बस्तियां तो ऐसी हैं, जहां गरीब रोटी, कपड़ा तक के मोहताज हैं। ऐसे ही जरूरतमंद लोगों के लिए कुछ महिलाओं ने न सिर्फ उनकी मदद का बीड़ा उठाया है, बल्कि उन्हें स्वावलंबन का पाठ भी पढ़ा रही हैं। उनके सामाजिक कार्यों की फेहरिस्त लंबी है।
खास बात यह कि ये महिलाएं पहले जरूरतमंद से मैत्री संबंध स्थापित करती हैं। इसके बाद उनकी मदद करती हैं। मित्रता के साथ समाजसेवा की ये मिसाल उनके संगठन इनरव्हील क्लब (लखनऊ वेस्ट) ने 23 वर्षों से कायम कर रखी है।
इनरव्हील क्लब की इस इकाई की प्रेसिडेंट उत्तरा भार्गव सामाजिक कार्यों की अगुवाई करती हैं। वह क्लब की 35 महिला सदस्यों के साथ मिलकर समाजसेवा की वार्षिक कार्ययोजना बनाती हैं। इसमें गरीबों, शोषितों की मदद को प्राथमिकता दी जाती है। साथ ही बच्चों की शिक्षा और महिलाओं की साक्षरता पर भी जोर दे रही हैं। इसी क्रम में नेत्रहीन बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं। वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के लिए भोजन की व्यवस्था भी कर रही हैं।
क्लब ने इस वर्ष इटौंजा स्थित पर्वतपुर गांव को गोद लेकर वहां की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की पहल की है। इसके लिए इस गांव में जुलाई में सिलाई मशीन केंद्र खोला गया है। मशीनों की खरीदारी हो गई है। जल्द ही गांव की गृहणियों को सिलाई-बुनाई का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। पर्वतपुर में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए पाठशाला भी खोली गई है। इसमें 20 अधेड़ महिलाएं पढ़ रही हैं। क्लब ने इन महिलाओं को पढ़ाने के लिए एक शिक्षिका को नियुक्त किया है।
उत्तरा को मिला इनका साथ तो मदद को बढ़े हाथ
61 वर्षीय उत्तरा भार्गव दो बार से लगातार इनरव्हील क्लब लखनऊ वेस्ट की प्रेसिडेंट हैं। सामाजिक कार्य उन्हें विरासत में मिला था। उनके पिता स्व. श्रीकृष्ण भार्गव रोटरी क्लब के प्रेसिडेंट रहे, जबकि मां इनरव्हील क्लब की प्रेसीडेंट थी।
हालांकि वह बचपन से माता-पिता के साथ सामाजिक कार्यों से जुड़ी रहीं। शादी के बाद विकास नगर में रहने लगीं। पति श्रीकांत भार्गव के सहयोग से उन्होंने सामाजिक कार्यों की नई पारी शुरू की। क्लब प्रेसिडेंट बनने के बाद उन्हें अनुसुइया दीक्षित, सुजाता तिवारी, प्रमिला रस्तोगी, रीता भार्गव जैसी सक्रिय सदस्यों का साथ मिला। आज वह अपनी इन सहयोगियों के साथ गरीबों की मदद में हाथ बंटा रही हैं।
खोला ई-लर्निंग सेंटर, स्कूल को बना रहीं हैप्पी
उत्तरा भार्गव और उनकी टीम बच्चों की शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए भी काम कर रही है। इसी कड़ी में क्लब की ओर से प्राथमिक विद्यालय खुर्रमनगर में
बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोजेक्टर लगवाया गया है। शिक्षकों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाने की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। साथ ही इस विद्यालय को 'हैप्पी स्कूल' में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए वहां कम्प्यूटर लगवाए गए हैं। बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी-मेज और खेलकूद के सामान भी मुहैया कराए गए हैं।
क्लब के कुछ खास कार्य
- महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की पहल की। इसी क्रम में लड़कियों को ब्यूटीशियन का कोर्स कराती हैं।
- पर्यावरण संरक्षण पर भी काम कर रही हैं। इसके लिए क्लब की ओर से पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है।
- पॉलीथिन को 'न' थैले को 'हां' अभियान के तहत पुराने कपड़ों के झोले बनाकर लोगों को बांटती हैं।
- ईश्वर चाइल्ड फाउंडेशन कैंसर इंस्टीट्यूट के कैंसर रोगियों के इलाज में मदद कर रही हैं।