नरेंद्र मोदी को जीत दिलाने वाले गरीब व बेरोजगार वोटरों पर BSP मुखिया मायावती का तंज
मायावती ने बेरोजगारी शीर्ष पर और विकास दर न्यूनतम होने सम्बंधी आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को फिर से जिताने वाले गरीब और बेरोजगारों पर तंज कसा।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम आने के बाद काफी समय तक ट्विटर पर शांत रहीं बसपा मुखिया मायावती कल से फिर सक्रिय हो गई हैं। कल लोगों को ईद की बधाई देने के बाद बसपा मुखिया मायावती ने आज पीएम नरेंद्र मोदी को जीत दिलाने वाले गरीब व बेरोजगारों पर तंज कसा है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने बेरोजगारी शीर्ष पर और विकास दर न्यूनतम होने सम्बंधी आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को फिर से जिताने वाले गरीब और बेरोजगारों पर तंज कसा। बसपा अध्यक्ष मायावती ने बेरोजगारी शीर्ष पर और विकास दर न्यूनतम होने सम्बंधी आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से केंद्र में मोदी सरकार को फिर से जिताने वाले गरीब और बेरोजग़ारों पर तंज कसते हुए कहा है कि अब पछताने से क्या होगा, जब चिडिय़ा चुग गयी खेत।
मायावती ने आज ट्वीट कर कहा कि श्रम मंत्रालय ने लोकसभा चुनाव के बाद अब अपने डाटा से इस बुरी खबर को प्रमाणित कर दिया है कि देश में बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्ष में सबसे अधिक 6.1 प्रतिशत हो चुकी है। इसके बाद गरीबी और बेरोजगारी के शिकार करोड़ों लोगों के अब पछताने से क्या होगा, जब चिडिय़ा चुग गई खेत।
मायावती ने कहा कि श्रम मंत्रालय के लोकसभा चुनाव के बाद जारी डाटा में चुनाव से पहले की इस बुरी खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है कि देश में बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्ष में सबसे अधिक 6.1 प्रतिशत पर जा पहुंची है।ईद-उल-फित्र के मुबारक मौके पर समस्त देशवासियों खासकर मुस्लिम समाज के करोड़ों भाईयों-बहनों को दिली मुबारकबाद व अनेकों शुभकामनाएं। खुशियों के इस त्योहार में जरूर चार चाँद लग जाएगा जब लोग पड़ोसियों का मुँह मीठा करके उन्हें मीठी बात करने पर राजी करेंगे। इसी में देश की खुशी निहित है। — Mayawati (@Mayawati) June 5, 2019
उन्होंने देश की विकास दर घट कर न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के बारे में कहा कि देश के लिए यह भी अच्छी खबर नहीं है कि भारत के आर्थिक विकास की दर घट कर 5.8 पर आ गई जो बहुत नीचे है। मायावती ने इसकी वजह कृषि विकास दर में गिरावट को बताते हुए कहा कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) विकास की यह दर कृषि और फैक्ट्री उत्पाद में भारी गिरावट का परिणाम है। पहले से ही काफी त्रस्त देश की गरीब जनता के जीवन का सही कल्याण कैसे होगा।
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