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क्राइसिस मैनेजमेंट के माहिर नवनीत सहगल के सामने बड़ी चुनौती, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी

Navneet Sehgal अवनीश कुमार अवस्थी से सूचना विभाग का काम लेकर प्रदेश में मायावती तथा अखिलेश यादव के भरोसेमंद रहे नवनीत सहगल को सौंपी गई है। सरकार इस समय हाथरस कांड के साथ ही बलरामपुर तथा भदोही के सामूहिक दुष्कर्म कांड को लेकर चारों तरफ किरकिरी झेल रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 07:32 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 07:34 PM (IST)
क्राइसिस मैनेजमेंट के माहिर नवनीत सहगल के सामने बड़ी चुनौती, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी
2016 में बड़ी दुर्घटना के बाद नवनीत सहगल के उबरने के बाद प्रदेश की सरकार बदल गई

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बसपा मुखिया मायावती व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्काल में सूचना विभाग की जिम्मेदारी निभाने वाले वरिष्ठ आइएएस अधिकारी नवनीत सहगल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव सूचना के पद की जिम्मेदारी दी गई है।

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अवनीश कुमार अवस्थी से सूचना विभाग का काम लेकर प्रदेश में मायावती तथा अखिलेश यादव के भरोसेमंद रहे नवनीत सहगल को सौंपी गई है। सरकार इस समय हाथरस कांड के साथ ही बलरामपुर तथा भदोही के सामूहिक दुष्कर्म कांड को लेकर चारों तरफ किरकिरी झेल रही है। ऐसे में क्राइसिस मैनेजमेंट में माहिर माने जाने वाले नवनीत सहगल को बड़ी चुनौती झेलनी है।

हाथरस कांड को जिस तरीके से वहां के जिला व पुलिस प्रशासन ने संभालने की कोशिश की है, उसकी मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर खूब किरकिरी हो रही है। पत्रकार तो अफसरों को गुंडा-मवाली तक बताने में संकोच नहीं कर रहे। अपराध मुक्त प्रदेश का दम भरने वाली प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हाथरस कांड के बाद दबाव में दिख रही है। सरकार अब किसी तरह से डैमेज कंट्रोल के प्रयास में है। गुरुवार रात को राज्य के ब्यूरोक्रेसी में बड़े प्रशासनिक फेरबदल के साथ अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से सूचना विभाग का प्रभार ले लिया गया और यह पद नवनीत सहगल को सौंपा गया। सहगल को 'मीडिया मैनेजमेंटÓ का माहिर माना जाता है और योगी आदित्यनाथ सरकार ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को बेहतर करने के लिए नवनीत सहगल को सूचना विभाग का प्रभार दिया है।

बसपा मुखिया मायावती के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बेहद करीबी नवनीत सहगल की क्षमता को अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जान लिया है। अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के साथ प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को सूचना विभाग का कार्य दिया गया है। नवनीत सहगल का न सिर्फ जनसंपर्क बेहतर है बल्कि उनको जो भी जिम्मा मिलता है, उसे बखूबी करते हैं।

नवनीत सहगल 2006 में केंद्र सरकार में स्टील व इस्पात राज्य मंत्री स्वर्गीय अखिलेश दास के पीएस बने। इसके बाद उनके इस्तीफा देने के बाद अखिलेश दास के साथ लखनऊ वापसी की। 2007 में प्रदेश में बसपा की सरकार बनने पर पूर्व सीएम मायावती ने उनको सचिव तथा निदेशक सूचना के पद पर तैनाती दी। 2012 तक वह इस पद को संभालते रहे। उस वक्त सहगल यूपी सरकार-प्रशासन के सबसे शक्तिशाली शख्सियतों में से एक थे।

नवनीत सहगल 1988 बैच आइएएस अफसर हैं, उनको अखिलेश यादव की सरकार में 2012 के शुरुआत में धमार्थ कार्य विभाग सौंपा गया। यहां पर भी उन्होंने शानदार काम किया और फिर अखिलेश यादव सरकार उनको ज्यादा दिन तक नजरंदाज नहीं कर पाई। उन्हेंं यूपी इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) का सीईओ बनाया गया। अपने इस कार्यकाल में उन्होंने बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को रिकॉर्ड समय में पूरा कराया। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव अपने इस ड्रीम-प्रोजेक्ट्स का अकसर जिक्र करते रहते हैं। इसको रिकॉर्ड समय में पूरा करने का श्रेय नवनीत सहगल को ही जाता है। अखिलेश सरकार में भी नवनीत सहगल के पास ही सूचना विभाग की भी जिम्मेदारी थी। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवनीत सहगल पर अखिलेश यादव सरकार के करीबी होने का ठप्पा लगा होने के कारण किनारे रखा। 2016 में बड़ी दुर्घटना के बाद नवनीत सहगल के उबरने के बाद प्रदेश की सरकार बदल गई और 2017 में सूचना विभाग के प्रमुख सचिव का जिम्मा अवनीश अवस्थी को सौंपा गया।

सूचना विभाग का काम पटरी पर न आता देख सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवनीत सहगल को बड़ी जिम्मेदारी दी। इससे पहले उन्होंने खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के साथ सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को इतना चमकाया कि एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) ब्रांड देश में चर्चा का विषय बन गया। अब नवनीत सहगल को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की छवि सुधारने का जिम्मा दिया गया है। 


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