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अब आपकी लाडली की शादी का खर्च उठाएगी सरकार, जल्दी से ढूढ़ ले वर

समाज कल्याण विभाग कराएगा 75 हजार शादियां।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 03:14 PM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 03:14 PM (IST)
अब आपकी लाडली की शादी का खर्च उठाएगी सरकार, जल्दी से ढूढ़ ले वर

लखनऊ[जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और आप अपनी बेटी की शादी को लेकर परेशान हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप अपनी लाडली की शादी खुद तय कर लीजिए और शादी का खर्च सरकार उठाएगी। समाज कल्याण विभाग की ओर से इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले तीन गुनी शादियां कराने का लक्ष्य रखा गया है। एक जिले में कम से कम 10 हजार शादियां होंगी। प्रदेश में 75 हजार शादियों की तैयारियों के साथ बजट का प्रावधान किया गया है।

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आर्थिक रूप से कमजोर शहरी और ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए शुरू की गई सामूहिक विवाह योजना के तहत इस बार का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। पिछले वर्ष राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों में 14,860 शादियां हुई थीं। इस बार यह संख्या बढ़ाकर तीन गुना कर दी गई है। एक जिले को इस बार 10 हजार शादी करानी होगी। नगर निगम, ब्लॉक स्तर पर होने वाली सामूहिक शादी से पहले आपको जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में आधारकार्ड व आय प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद ही अनुदान के लिए चयन प्रक्रिया शुरू होगी। वार्षिक आय का निर्धारण

समाज कल्याण विभाग की ओर से शादी के लिए 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाती है। लड़की के खाते में यह रकम भेजी जाती है। राजधानी के जिला समाज कल्याण अधिकारी केएस मिश्र ने बताया कि शहरी क्षेत्र के आवेदकों के लिए वार्षिक आय की अधिकतम सीमा 56,460 और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 46,080 रुपये कर दी गई है। राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता होना अनिवार्य है। सामूहिक विवाह के लिए पहले खुद रिश्ता तय कराना और उसके बाद शादी के लिए आवेदन करना होगा। सामूहिक विवाह में 15 हजार अतिरिक्त

यदि आप सामूहिक विवाह करना चाहते है तो आपको 15 अतिरिक्त के साथ ही 35 हजार रुपये सरकार खर्च करेगी। 20 हजार लड़की के खाते में और 10 हजार का घरेलू सामान और पांच हजार टेंट व भोजन में खर्च होंगे। इसका भुगतान शादी कराने वाली संस्था को किया जाएगा। 10 जोड़े की एक साथ शादी होगी तो उसे सामूहिक विवाह माना जाएगा।

क्या कहना है समाज कल्याण विभाग का?

समाज कल्याण विभाग के निदेशक जगदीश प्रसाद का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों की मदद के लिए सरकार की ओर से सामूहिक विवाह योजना के लिए बजट का प्रावधान कर दिया गया है। हर जिले को कम से कम 10 हजार शादियां कराने का लक्ष्य दिया गया है। इसकी संख्या अधिक होने पर भी मदद की जाएगी।


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