Move to Jagran APP

रायबरेली का एक गांव...जो बिन आबादी 'आबाद, जनगणना में अभी भी दर्ज है रिकार्ड Raebareli News

रायबरेली के राजस्व अभिलेखों में दर्ज 17 गांवों में अब नहीं रहता कोई जिम्मेदार अभी तक बने हैं अंजान बने।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 01:21 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 01:21 PM (IST)
रायबरेली का एक गांव...जो बिन आबादी 'आबाद, जनगणना में अभी भी दर्ज है रिकार्ड Raebareli News
रायबरेली का एक गांव...जो बिन आबादी 'आबाद, जनगणना में अभी भी दर्ज है रिकार्ड Raebareli News

रायबरेली [विकास वाजपेयी]। तहसील क्षेत्र में आज भी गैर आबाद गांवों का वजूद है। राजस्व अभिलेखों में दो ऐसे गांव के नाम दर्ज हैं, जिनमें कभी आबादी हुआ करती थी लेकिन, समय के साथ ये वीरान हो गए। एक-एक करके लोग दूसरे स्थानों पर बसेरा बनाते चले गए। वहीं, सरकारी तंत्र बेखबर बना रहा। यहां के लोग भले ही दूसरे स्थानों पर अपना ठिकाना बनाया हो, लेकिन आज भी संपूर्ण गांवों की गणना में यह अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। 

loksabha election banner

ये हैं गैर आबाद गांव

तहसील क्षेत्र के परशुरामपुर एहतमाली व चक हाजीपुर दो ऐसे गांव हैं, जो पूरी तरह खाली हो चुके हैैं। यहां सिर्फ मैदान ही बचे हैं। राजस्व अभिलेखों में आज भी इन गांव के नाम भूमि दर्ज है। तहसील के अभिलेखों पर गौर करें तो परशुरामपुर एहतमाली गांव के नाम चार खाते दर्ज हैं। जिनमें 55.649 हेक्टेयर भूमि बंजर, 12.523 हेक्टेयर भूमि गंगा के नाम, 4.901 हेक्टेयर भूमि सोता (छोटे बड़े गड्ढे) और बालू रेता के नाम पर 48.564 हेक्टेयर भूमि दर्ज है। वहीं चक हाजीपुर गांव के नाम पर 19.825 हेक्टेयर भूमि आज भी दर्ज है। 

नक्शे में है वजूद 

तहसील क्षेत्र में कुल 193 गांव आबादी वाले हैं। दो गांव बिना आबादी के हैं। जबकि 17 गांव ऐसे हैं जिनके नाम तो दर्ज हैं पर आबादी नहीं है। जिन्हें एहतमाली (गंगा किनारे के गांव जहां आबादी नहीं) नाम से जाना जाता है। इन गांव में मलिक भीटी एहतमाली, डलमऊ एहतमाली, चांदपुर लूक एहतमाली, कल्याणपुर बेंती एहतमाली, जमुनीपुर एहतमाली, चकहाजीपुर एहतमाली, नेवादा पट्टी एहतमाली, धीरनपुर एहतमाली, नारायणपुर बन्ना एहतमाली सहित कुल 17 गांव राजस्व अभिलेखों मेें अंकित हैं। यहां आबादी नहीं है। कुल गांवों की गणना में इनका नाम शामिल हैं। इन्हें जोड़कर तहसील में 212 गांंव हैं। 

इनकी सुनें

तहसीलदार डलमऊ प्रतीत त्रिपाठी ने बताया कि परशुरामपुर व चक हाजीपुर गांव से लोगों का कब पलायन हुआ, इसकी जानकारी नहीं है। हां, ये तहसील के अभिलेखों में दर्ज हैं। इससे साफ होता है कि यहां आबादी रही होगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.