कई निजी लैब और अस्पतालों ने बंद कर दी कोरोना की जांच,कहा सरकार फैसले पर करे विचार
प्रदेश भर में प्राइवेट पैथोलॉजी में सरकार ने 1600 रुपये में कोरोना की जांच के दिए थे आदेश निजी पैथोलॉजी बोली सरकार करे अपने फैसले पर विचार मरीज परेशान।
By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 11:19 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 11:19 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। केस-1. खन्ना डायग्नोस्टिक, बालागंज में तकनीकी खराबी के चलते कोरोना जांच बंद कर दी गई है। हालांकि, बाहर 2520 रुपये जांच शुल्क का बैनर लगा मिला। मौजूद स्टाफ ने बताया कि शुक्रवार से जांच नहीं हो रही है। बाकी बात मैडम बताएंगी।
केस-2
आरएमएल मेहरोत्रा लैब, निरालानगर में कर्मियों ने बताया कि मशीन खराब है। पहले जांच 25 सौ रुपये में होती थी। अब 1600 रुपये का आदेश आया है। कर्मचारी धर्मेंद्र ने बताया कि तकनीकी कारणों से जांच नहीं हो पा रही है।
केस 3-
आशियाना स्थित डॉ. लाल पैथलैब में भी जांच बंद पाई गई। पता चला कि अचानक से जांच बंद की गई है। मौके पर मौजूद चरणजीत ङ्क्षसह ने दैनिक जागरण के साथी को बताया कि शुल्क कम होने के बाद कल से ही यहां जांच नहीं हो रही है।
केस 4-
चरक अस्पताल में कोविड जांच के लिए 2507 रुपये वसूले जा रहे हैं। जब चरक लैब पर पूछा गया तो पता चला कि यहां जांच नहीं हो रही, अस्पताल में हो रही है। अस्पताल कर्मी ने पूछने पर कहा कि जांच हो जाएगी, लेकिन 2500 लगेंगे।
निजी अस्पतालों और लैब में कोरोना जांच का शुल्क ढाई हजार से घटाकर 1600 करने का ऐसा ही असर शनिवार को नजर आया। मरीजों को राहत देने के सरकारी प्रयासों को झटका देते हुए कई जगह पर जांच ही बंद कर दी गई है।
जागरण पड़ताल में निजी अस्पतालों और पैथोलॉजी का संवेदनहीन चेहरा सामने आया। राजधानी के एक निजी अस्पताल और सबसे बड़ी लैब ने यह कहते हुए कोरोना जांच ठप कर दी कि अब इतने कम दर पर जांच नहीं कर सकते। शहर की कई लैब ने मशीन में खराबी का बहाना जांच रोक दी। कई अस्पताल अब भी 2500 रुपये वसूल रहे हैं।
अलीगंज निवासी अक्षय बताते हैं कि चार दिनों से उन्हें सर्दी जुकाम की दिक्कत थी। शुक्रवार वह निरालानगर की आरएमएल मेहरोत्रा लैब में कोविड जांच कराने गए तो कर्मचारियों ने कहा कि मशीन खराब होने से अब जांच नहीं हो रही। एक दिन पहले ही भाभी की इसी लैब से कोरोना की जांच कराई थी। चरक अस्पताल में जांच होती मिली, लेकिन वहां इसके बदले 2500 रुपये लिए जा रहे थे। जब उनसे यह कहा गया कि सरकार ने दर घटाकर अब तो 1600 रुपये कर दी है। तब स्टाफ ने कहा कि ऐसा कोई आदेश अस्पताल में नहीं आया है। चरक के प्रबंधक डॉ. अश्विनी सिंंह ने कहा कि सरकार ने जो शुल्क निर्धारित किया है, वह हमारी लागत से कम आ रहा है। हमारी किट महंगी हैं, जिससे जांच में कम से कम 1700 से 1800 रुपये का खर्च आता है।
सरकार को लिखा पत्र
आरएमएल मेहरोत्रा लैब ने शनिवार को सरकार को पत्र लिखकर इतने कम शुल्क में जांच करने में असमर्थता जाहिर की है। लैब की डायरेक्टर डॉ. वंदना मेहरोत्रा ने पत्र में लिखा है कि कोविड जांच में न्यूनतम लागत 2200 रुपये आ रही है। इससे कम में जांच संभव नहीं है। इसलिए सरकार हमें सस्ती किट उपलब्ध कराए। उनका कहना है कि आदेश अचानक आया, जिससे सभी जांच को रोकनी पड़ गई है।
इन लैब का भी मिला साथ
लाइफ केयर लैब, चक्रधर डायग्नोसिस, शांभवी डायग्नोसिस, खन्ना डायग्नोसिस, आइपीएसयूएम डायग्नोसिस व चंदन स्पेशियलिटी लैब ने भी मेहरोत्रा के इस पत्र पर अपनी सहमति दी है।
एसीएमओ कोविड टीम प्रभारी डॉ एम के सिंह ने बताया कि सरकार के आदेशों का पालन सभी लैब को करना ही होगा। किसी तरह का बहाना नहीं चलेगा। अगर ऐसा है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
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