Dev Deepawali in Lucknow: रोशनी से नहाया मनकामेश्वर उपवन घाट, दो लाख दीपकों से जगमगाया
वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आचार्यो ने विधान कराए तो पूरे परिसर में हजारों साल पुरानी सनातन संस्कृति एक बार फिर मुस्कुरा उठी। कुड़ियाघाट पर एक दिन पहले 501 दीपक जलाकर गोमती को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया।
लखनऊ, जेएनएन। दो लाख दीपकों की रोशनी से नहाया मनकामेश्वर उपवन घाट, परंपरा, आस्था और विश्वास की बही त्रिवेणी, नमोस्तुते मां गोमती से गुंजायमान वातावरण और कोरोना से बचने के इंतजाम के साथ आदि गंगा गोतमी की आरती करते श्रद्धालु। सोमवार को कुछ ऐसा ही माहौल देव दीपावली पर शाम-ए-अवध में नजर आया। कार्तिक मास की पूर्णिमा के महात्म के बखान के बीच मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने आरती कर माहौल को भक्ति से सराबोर कर दिया।
वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आचार्यो ने विधान कराए तो पूरे परिसर में हजारों साल पुरानी सनातन संस्कृति एक बार फिर मुस्कुरा उठी। एक ओर जहां मनकामेश्वर उपवन घाट पर पहली बार 5100 गोबर के दीपकों से आरती कर उन्हें गोमती में प्रवाहित किया गया तो दो लाख मिट्टी के दीपकों से पूरा परिसर रोशनी से सराबोर हो उठा।
कुड़ियाघाट पर एक दिन पहले 501 दीपक जलाकर गोमती को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया। श्री शुभ संस्कार समिति के महामंत्री ऋद्धि किशोर गौड़ के संयोजन में आरती हुई। झूलेलाल घाट पर सनातन आरती के साथ डाॅ.प्रवीण ने आदि गंगा को निर्मल बनाने का संकल्प दिलाया।
खदरा के शिव मंदिर घाट प ओम ब्राह्मण समाज के संयोजक धनंजय द्विवेदी के सानिध्य में आरती हुई। आशियाना परिवार के अध्यक्ष आरडी द्विवेदी के संयोजन में द्विवेदी पार्क के तुलसी वाटिका में देव दीपावली पर महापौर संयुक्ता भाटिया के अलावा अंजू रघुवंशी, शशि शर्मा, रमा द्विवेदी, नीलम शुक्ला, बीना अग्रवाल, प्रीति जैन व दीपा दीक्षित समेत परिस के सदस्यों ने आरती में हिस्सा लिया। राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में श्रृंगार के साथ आरती की गई।
इसलिए होती है देव दीपावली
आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि भगवान शिव ने त्रिपुर नामक असुर का वध कार्तिक पूर्णिमा को ही किया था और श्री विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी इसी दिन लिया था। देवताओं ने इसी दिन दीपावली मनाई थी। इसलिए इस दिन देव दीपावली मनाई जाती है।