रायबरेली रेल हादसे में मरने वालों की संख्या छह पहुंची, सीसीआरएस शुक्रवार से करेंगे जांच
रायबरेली के हरचंदपुर में हुए न्यू फरक्का एक्सप्रेस रेल हादसे अब तक कुल छह लोगों की मौत हो चुकी है। पांच मरीजों की हालत गंभीर बनी है।
रायबरेली (जेएनएन)। न्यू फरक्का एक्सप्रेस रेल डीरेल हादसे में घायल 20 वर्षीय रिंकू की गुरुवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे हादसे में अब तक कुल छह लोगों की मौत हो चुकी है। पांच मरीजों की हालत गंभीर है। मामले की जांच मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त एसके पाठक शुक्रवार से शुरू करेंगे। सीसीआरएस को डाटा लॉगर की रिपोर्ट सौंप दी गई है। डाटा लॉगर में सिग्नल प्वाइंट के सेट होने से जुड़ी सभी गतिविधियां होंगी। हादसे के सवा 26 घंटे बाद हरचंदपुर रेल लाइन पर संचालन बहाल हो गया है। सुबह पहले एक मालगाड़ी गुजारी गई। इसके बाद इलाहाबाद जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस को चलाया गया। हालांकि अभी कॉशन लगा है। जिसके चलते ट्रेनें धीमी गति से निकाली जा रही हैं।
ये है पूरा मामला
गौरतलब हो कि बीते बुधवार सुबह छह बजकर चार मिनट पर हरचंदपुर रेलवे स्टेशन से दो सौ मीटर दूर न्यू फरक्का एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में इंजन और उसकी आठ बोगियां बेपटरी होकर इधर-उधर जा गिरीं। हादसे में पांच यात्रियों की मौत हो गई, जबकि करीब 42 लोग घायल हो गए। घायलों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल के साथ लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआइ और ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। घटना के पीछे रेलवे की लापरवाही सामने आ रही है। सीआरबी ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच रेल संरक्षा आयुक्त करेंगे।
ऐसे हुआ था हादसा
14003 न्यू फरक्का एक्सप्रेस मालदा टाउन से नई दिल्ली जा रही थी। ट्रेन रायबरेली से छूटी तो हरचंदपुर स्टेशन से चार किलोमीटर पहले कॉशन के कारण लोको पायलट रामजी चौरसिया ने ट्रेन की गति को 30 किलोमीटर प्रतिघंटा कर लिया। यहां से ट्रेन स्पीड पकड़ रही थी कि ड्राइवर को हरचंदपुर स्टेशन का आउटर सिग्नल मेन लाइन पर ग्रीन मिला। मेन लाइन 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति के लिए फिट थी। लिहाजा, ड्राइवर ने स्पीड बढ़ाना शुरू किया। हरचंदपुर से करीब 200 मीटर दूर होम सिग्नल के पास प्वाइंट से गुजरते समय उसकी सेटिंग मेन की जगह लूप लाइन हो गई। इस कारण ट्रेन लूप लाइन पर दौड़ पड़ी।
लूपलाइन पर स्पीड लिमिट 30 किमी थी
यह लूप लाइन केवल 30 किलोमीटर प्रतिघंटे के लिए ही फिट थी। इस वक्त ट्रेन की स्पीड करीब 80 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। गलत पटरी पर दो सौ मीटर दौडऩे के बाद पहले इंजन उतरा फिर उसके पीछे की जनरल बोगी 90 डिग्री के कोण में पलटकर इंजन से सट गई। दो अन्य जनरल बोगी भी पटरी से उतरकर छिटक गईं। स्लीपर बोगी एस-11 और एस-10 के पहिए भी दूर जा गिरे, जबकि एस-नौ से और एस-आठ भी प्वाइंट तोड़ते हुए लूप लाइन पर आ गईं। इससे लूप लाइन की पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गई। कुछ लोग पलट चुकी बोगी के नीचे भी दबे थे। पुलिस और राहत दल के कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों की मदद से सभी को बाहर निकाला।
अब तक इनकी हुई मौत :
शंभू (25) पुत्र मोहन, सुनीता (52) पत्नी मोहन, रीता (1) पुत्री मोहन निवासी गण गड़ौरा खड़गपुर, मुंगेर, बिहार, अजय कुर्री (45) पुत्र घुतका नंद कुर्री निवासी भगजामरा किशनगंज बिहार और दिनेश (7) पुत्र रसिकलाल मांझी निवासी मुंगेर, बिहार की मौत हो गई। एक बच्चे और अधेड़ का शव बोगी के नीचे दबा था, जिन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ टीम को तीन घंटे मशक्कत करनी पड़ी। वहीं, घायल 20 वर्षीय रिंकू की गुरुवार सुबह केजीएमयू ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई।