प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने से पहले सिस्टम बनाएं स्मार्ट, उपभोक्ता परिषद ने यूपी सरकार को दिया सुझाव
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि उपभोक्ता परिषद स्मार्ट मीटर की अच्छी और पारदर्शी तकनीक की पक्षधर है लेकिन घटिया तकनीक स्वीकार नहीं करेगी।
लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। यूपी में करीब 12 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। उनमें जंपिंग, बत्ती गुल जैसी अनेक समस्याओं से उपभोक्ता परेशान हुए। दोषियों पर कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी। इसके उलट केंद्र सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की टाइम लाइन 25 मार्च 2025 तय कर दी है। इसमें कृषि को छोड़कर पूरे देश में सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य होगा। उपभोक्ता परिषद ने सरकार को सुझाव दिया है कि प्रदेश में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने से पहले सिस्टम को स्मार्ट बना लें।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि उपभोक्ता परिषद स्मार्ट मीटर की अच्छी और पारदर्शी तकनीक की पक्षधर है लेकिन, घटिया तकनीक स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार यदि चाहती है कि योजना सफल हो व उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिले तो पारदर्शी योजना बनाएं, उच्च गुणवत्ता व अच्छी तकनीक के मीटर की ही खरीद करें, ताकि उपभोक्ताओं को पहले की तरह भुगतना न पड़े। देश में 40 करोड़ से ज्यादा विद्युत उपभोक्ता हैं केवल यूपी में ही तीन करोड़ के करीब विद्युत उपभोक्ता पहुंच गये हैं ऐसे में उनके परिसर में लगने वाले मीटर पर कोई प्रश्नचिन्ह दोबारा न लगे। उपभोक्ताओं के मन में धारणा बन गयी है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर तेज चलते हैं उसका मुख्य कारण घटिया क्वालिटी के लगे मीटर हैं। सरकार व बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं के विश्वास को बनाये रखने के लिए पारदर्शी नीति अपनाना होगा।
समय से बिजली का बकाया न देने पर एनटीपीसी द्वारा सूबे की बिजली आपूर्ति ठप किए जाने की नोटिस पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि बकाया भुगतान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। शेड्यूल के मुताबिक प्रदेशवासियों को बिजली मिलती रहेगी।