Makar Sankranti 2021: दान-पुण्य के साथ मनी मकर संक्रांति, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
Makar Sankranti 2021 लखनऊ के घाटों पर भोर से ही आने लगे श्रद्धालु मुहूर्त के बाद शुरू हुआ स्नान दोपहर बाद तक चलता रहा। कड़ाके की ठंड व कोहरे पर आस्था भरी पड़ी। अयप्पा मंदिर दर्शन और पूजन के लिए सुबह से ही लोगों को जमावड़ा लग गया।
लखनऊ, जेएनएन। Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति पर गुरुवार को गोमती के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं ने सूर्य देव की पूजा कर दान-पुण्य किया। सुबह आठ बजे के बाद से संक्रांति के मान के चलते घाटों पर श्रद्धालु इंतजार करते नजर आए, हालांकि ठंड की वजह से श्रद्धालु घाटों पर कम नजर। गंदगी के बावजूद लोगों ने स्नान कर काले तिल व खिचड़ी का दान किया। अग्रसेन घाट, संझिया घाट के अलावा लक्ष्मण मेला स्थल व शिव मंदिर घाट पर भी लोगों की भीड़ कम रही।
वहीं, गोमतीनगर के अयप्पा मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए सुबह से ही लोगों को जमावड़ा लग गया था। हाथ में दीपक लेकर महिलाओं ने कांवड़ डोली यात्रा भी निकाली। आठ वस्तुओं से अष्टाभिषेक के बाद यहां गणपति होम हुआ। ऊषापूजा के बाद खिचड़ी का प्रसाद बांटा गया।
14 जनवरी के बाद मलमास के कारण रुके हुए मांगलिक कार्य शुरू होते हैं, लेकिन इस बार गुरु शुक्र अस्त के चलते विवाह आदि मांगलिक कार्य अप्रैल से होंगे। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि संक्रांति में दान और स्नान का महत्व है। मकर संक्रांति के दिन श्रवण नक्षत्र में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से वज्र योग बन रहा। यह खास संयोग कई राशियों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। सूर्य के मकर राशि में आने से मकर संक्रांति के दिन पांच ग्रहों का शुभ संयोग बनेगा, जिसमें सूर्य, बुध, चंद्रमा, गुरु और शनि शामिल हैं। मेष, कर्क, कन्या, तुला, धनु व मीन राशियों को इस योग का शुभ प्रभाव मिलेगा।
ज्योतिषानुसार कुंडली में सूर्य शनि का दोष वाले श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर्व पर सूर्य की उपासना की। सूर्य के अच्छे प्रभाव से यश, सरकारी पक्ष और पिता से लाभ, आत्मविश्वास में वृद्धि, सिर दर्द, आंखों के रोग, हडड्यिों के रोग, हृदय रोग आदि रोगों से भी आराम मिलेगा।