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गौ संरक्षण में अनियमितता पर बड़ी कार्रवाई, महराजगंज के DM सहित पांच बड़े अधिकारी निलंबित

सीएम योगी आदित्यनाथ ने महराजगंज में गौ संरक्षण में बड़ी अनियमितता मिलने पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 02:07 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 08:25 AM (IST)
गौ संरक्षण में अनियमितता पर बड़ी कार्रवाई, महराजगंज के DM सहित पांच बड़े अधिकारी निलंबित
गौ संरक्षण में अनियमितता पर बड़ी कार्रवाई, महराजगंज के DM सहित पांच बड़े अधिकारी निलंबित

लखनऊ, जेएनएन। गौ संरक्षण और संवर्धन को लेकर बेहद संवेदनशील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस अभियान में अनियमितता बर्दाश्त नहीं हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गौ संरक्षण में बड़ी अनियमितता मिलने पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई महराजगंज में की है। उनके सख्त रुख के कारण ही महराजगंज के जिलाधिकारी, दो एसडीएम तथा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व पशु चिकित्सा अधिकारी को निलंबित किया गया है।

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गौ संरक्षण और संवर्धन में बड़ी लापरवाही करने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जिलाधिकारी महराजगंज अमरनाथ उपाध्याय, तत्कालीन उप जिलाधिकारी निचलौल देवेंद्र कुमार, उप जिलाधिकारी निचलौल सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव उपाध्याय तथा उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ वीके मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही अनुशासनिक जांच का निर्देश दिया गया है। 

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस प्रकरण में बताया कि गौ संरक्षण और संवर्धन में इन अधिकारियों की बड़ी अनियमितता सामने आई है। आरके तिवारी ने बताया कि महराजगंज जिले के मधुबलिया गो सदन में गोवंश के रखरखाव में अनियमितता के चलते जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारी निलम्बित किये गए है। जांच में पता चला कि अभिलेखों के अनुसार यहां पर 2500 गो वंश होना चाहिये था। वहां पर स्थलीय निरीक्षण में मात्र 900 गो वंश पाए गए। यह काफी गंभीर अनियमितता व शिथिलता है।

अपर आयुक्त गोरखपुर की जांच समिति ने पाया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी वजह स्पष्ट नहीं की। इससे यह लगता है कि संख्या जानबूझकर अधिक बताई गई। संख्या कम होने के बावजूद यहां पर चारा या अन्य व्यय में कोई कमी नहीं थी। यहां पर अभिलेख भी सही नहीं पाया गया। पशुपालन विभाग का यहां 500 एकड़ जमीन का कब्जा था, जबकि समिति ने गैरकानूनी ढंग से 380 एकड़ जमीन निजी व्यक्ति को लीज पर दे दी गई थी। इसकी ना किसी से अनुमति ली गई ना ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई। यह भी एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।

इसके कारण जिलाधिकारी महराजगंज अमरनाथ उपाध्याय, तत्कालीन उप जिलाधिकारी निचलौल देवेंद्र कुमार, उप जिलाधिकारी निचलौल सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव उपाध्याय तथा उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ वीके मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। 

अपर आयुक्त गोरखपुर मंडल की अध्यक्षता में एक कमेटी ने जांच की थी। जिसमें उस कमेटी ने रिपोर्ट दी है कि कोई भी स्थानीय अधिकारी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके। उनकी जांच में किसी भी अधिकारी ने जिम्मेदारी नहीं ली और संतोषजनक रूप से जिले के अधिकारियों ने कार्य नहीं किया। गौ वंश की संख्या में कमी के बावजूद उस पर होने वाले व्यय में कोई कमी नहीं की गई। इससे पता चलता है कि इसमें गंभीर अनियमितता की गई है। 

डॉ. उज्ज्वल कुमार अब महराजगंज के डीएम

गौ सरंक्षण में अनियमितता के मामले में निलंबित महराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है। नगर आयुक्त प्रयागराज के पद पर काम कर रहे डॉ. उज्ज्वल को जिलाधिकारी महराजगंज के पद पर तैनाती मिली है। लखीमपुर खीरी के मुख्य विकास अधिकारी रवि रंजन को नगर आयुक्त, नगर निगम प्रयागराज के पद पर तैनात किया गया है। 


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