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Mahashivratri 2020 : महाशिवरात्रि पर 117 वर्ष बाद अद्भुत संयोग, रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव

Mahashivratri 2020 फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुक्रवार 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा। 21 फरवरी की शाम 520 मिनट पर चतुर्दशी तिथि शुरू होगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 12:41 PM (IST)
Mahashivratri 2020 : महाशिवरात्रि पर 117 वर्ष बाद अद्भुत संयोग, रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव
Mahashivratri 2020 : महाशिवरात्रि पर 117 वर्ष बाद अद्भुत संयोग, रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव

लखनऊ, जेएनएन। देवों के देव महादेव की अराधना का सबसे विशेष दिन महाशिवरात्रि कल यानी 21 फरवरी को मनाया जायेगा। इस खास दिन पर 117 वर्ष बाद विशेष योग बन रहा है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव काफी प्रसन्न होते हैं।

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फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुक्रवार 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा। 21 फरवरी की शाम 5:20 मिनट पर चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। जो कि 22 फरवरी को शाम सात बजकर दो मिनट पर समाप्त होगी। इस रात्रि में पूजन का समय 12 बजकर नौ मिनट से रात्रि एक के बीच रहेगा।

रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव

जानें रुद्राभिषेक करने का सही तरीका

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। यह भी माना जाता है कि गंगा की का अवतरण भगवान शिव की जटा से हुआ था। तभी से भगवान शिव को गंगा जल से अभिषेक करने की परंपरा प्रचलित हुई। शुक्ल यजुर्वेद में भगवान शिव की पूजा करने का सर्वोत्तम तरीका रुद्राभिषेक करना बताया गया है। माना जाता है कि रुद्राभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और सटीक विधि से रुद्राभिषेक करना चाहिए।

सामग्री का संयोजन

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक में कुछ सामग्रियों के बिना आपकी पूजा विधि अधूरी रह सकती है। रुद्राभिषेक के लिए- गाय का घी, दीपक, पुष्प, चंदन, गंध, धूप, कपूर, मौसमी फल, पान का पत्ता, सुपारी, नारियल पूजाघर के पास किसी साफ जगह पर रख लें। साथ ही रुद्राभिषेक के लिए दूध, दही, शहद, गन्ने का रस का भी प्रबंध कर लें।

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक प्रक्रिया

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करने के लिए पहले भगवान शिव के शिवलिंग रूप की पूजा अर्चना करें। इसके बाद शिव परिवार- माता पार्वती, गणेश जी, नौ ग्रह, माता लक्ष्मी, सूर्य देव, अग्नि देव, ब्रह्म देव, पृथ्वी माता की भी वंदना करें। हर भगवान का आह्वाहन करते हुए उन्हें पूजा स्थल पर उचित स्थान दें। विघ्नहर्ता गणेश भगवान की पूजा से शुरू कर बाकी के देवी देवताओं की पूजा करें। आखिर में शिवलिंग की पूजा करें। शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर पूजा के लिए विशेष तौर पर तैयार देसी घी से बने पकवान, फल, फूल, मदार का फूल, बेलपत्र, भांग अर्पित करें। इसके बाद भगवन शिव की आरती गाएं। रुद्राभिषेक पूरा हो जाए तो गंगाजल को चरणामृत की तरह वितरित करें। रुद्राभिषेक का जल ग्रहण करने से जीवन में शांति आती है और परेशानियां दूर होती है।

महाशिवरात्रि पर इस बार अद्भुत संयोग

महाशिवरात्रि पर 117 वर्ष बाद फागुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को इस बार एक अद्भुत संयोग बन रहा है। शनि स्वयं की राशि मकर में है और शुक्र अपनी उच्च की राशि मीन में होंगे जो कि एक दुर्लभ योग है। किसी को अपना सूर्य मजबूत करना है सरकारी कामों में सफलता प्राप्त करनी है तो तांबे के लोटे में जल मिश्रित गुण से कल शिवलिंग का अभिषेक करें। वैवाहिक जीवन मधुर बनाने के लिए जोड़े से पति पत्नी शिवलिंग का अभिषेक करें, अगर आपकी कुंडली में मंगल पीडि़त है तो शिवलिंग का अभिषेक हल्दी मिश्रित जल से करें, अगर आपकी कुंडली में बुध की स्थिति खराब है तो शिव पार्वती की पूजा करें पूजन के बाद सात कन्याओं को भोजन कराएं एवं जल और तुलसी पत्र चढ़ाएं, कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए कल दूध-दही से शिवलिंग का अभिषेक करें। कुंडली में शनि ग्रह पीडि़त है तो सरसों के तेल से अभिषेक करें, राहु ग्रह को मजबूत करने के लिए जल में सात दाना जौ मिलाकर अभिषेक करें। केतु ग्रह को मजबूत करने के लिए जल में शहद मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करने के लिए कच्चे दूध से अभिषेक करें। गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए अपने माथे पर और नाभि पर केसर का तिलक लगाएं। केसर मिश्रित जल चढ़ाएं शिवलिंग में सबसे च्यादा एनर्जी पाई जाती है। इसके साथ 108 बार ओम नम: शिवाय का जाप करें।

ऐसे करें अपनी राशि के हिसाब से भगवान शिव को प्रसन्‍न

मेष : मेष राशि वालों को भगवान शिव को दूध मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए।

वृष : वृष राशि के लोगों को महाशिवरात्रि पर अपने पूरे घर की सफाई करनी चाहिए। जल में दही मिलाकर शिव को स्नान करना चाहिए।

मिथुन : मिथुन राशि के लोगों को राम का नाम लिखकर शिव को बेलपत्र चढ़ाना चाहिए।

कर्क : कर्क राशि के लोगों को शिव की अराधना के लिए चंदन और इत्र का इस्तेमाल करना चाहिए।

सिंह : सिंह राशि वाले इस दिन गंगा जल से किसी भी शिवलिंग की पूजा करके उस पर सफेद कनेर का फूल अर्पित करने से सिंह राशि वालों की हर इच्छा पूरी होगी।

कन्या : कन्या राशि वालों को शिवलिंग पर दूध में घी मिलाकर अभिषेक करना चाहिए।

तुला : तुला राशि वाले शिव को दूध में बताशा मिलाकर स्नान कराकर इन पर आक के फूल अर्पित करते हुए शिव पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का 108 बार जप करें।

वृश्चिक : वृश्चिक राशि वाले दूध और धान के लावा से शिव की पूजा करें। शिव को गेंदे का फूल, शमी एवं बेलपत्र चढ़ाते हुए ह्रीं ओम नम: शिवाय ह्रीं मंत्र का जप करना चाहिए।

धनु : ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन चंद्रमा कमजोर रहता है। धनु राशि वाले ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय।धीमहि। तन्नो रूद्र: प्रचोदयात।। मंत्र से शिव की पूजा करना चाहिए।

मकर : मकर राशि के लोग को गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिव का जलाभिषेक करें तथा इन्हें नीले का रंग के फूल और धतूरा चढ़ाएं।

कुंभ : कुंभ राशि वाले व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन अपने आस पास के किसी शिवालय में जाकर शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए।

मीन : महाशिवरात्रि के दिन दूध में केसर डालकर शिवलिंग को स्नान कराकर, शिव जी को गाय का घी, शहद तथा कनेर का पीला फूल और विल्वपत्र शिव को चढ़ाना मीन राशि वालों के लिए उत्तम है। 


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