विवेक तिवारी हत्याकांड: 15 दिनों में मजिस्ट्रेट जांच पूरी करने का दावा फेल, इंसाफ का इंतजार
23 सितंबर को गोमतीनगर में हुई थी हत्या, 15 दिन में देनी थी रिपोर्ट। चारबाग अग्निकांड भी पाइप लाइन में।
लखनऊ[राजीव बाजपेयी]। सूबे की पुलिस को कटघरे में खड़ा करने वाले विवेक तिवारी हत्याकांड जैसे अहम मामले की मजिस्ट्रेट जांच भी तय समय में पूरी नहीं हो पाई है। 15 दिनों में जांच पूरी करने का दावा था, लेकिन एक माह से अधिक का समय पूरा हो चुका है। यही नहीं कई अन्य मामलों की मजिस्ट्रेट जांच में भी इसी तरह इंसाफ का इंतजार है।
23 सितंबर को गोमतीनगर थाना क्षेत्र में विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में गोमतीनगर थाने के ही दो सिपाहियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश देते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी थी। दरअसल, एसआईटी की जांच भी इसके साथ ही चल रही है। इस बारे में एसीएम सलिल कुमार पटेल का कहना है कि अभी जांच में कुछ समय और लगेगा। सभी तथ्यों का सही आंकलन करने के बाद ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी। यह चर्चित मामला है इसलिए जल्दबाजी ठीक नही है।
छह लोग मारे गए, पर चार माह बाद भी जांच पूरी नहीं
19 जून को चारबाग में अवैध तरीके से चल रहे एसएसजे इंटरनेशनल होटल में भीषण अग्निकांड में आधा दर्जन लोग मारे गए। डीएम ने मजिस्टेट जांच तीस दिन में पूरी करने का आदेश दिया था। अग्निकांड को चार महीने से अधिक का समय हो चुका है और अब तक जांच पूरी नहीं की जा सकी है। फायर से लेकर नगर निगम और दूसरे कई विभागों के अधिकारी भी कटघरे में खड़े हों सकते हैं। जाहिर है ऐसे में जांच में देरी होने के मायने समङो जा सकते हैं। सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि अभी कुछ लोगों के बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं। जल्द ही रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी।
चालीस से अधिक जांचें है लंबित
राजधानी में चालीस से अधिक मामलों में मजिस्ट्रेट जांच चल रही हैं। इनमें कई जांच तो एक दशक से अधिक समय से चल रही हैं और अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं।