लखनऊ विश्वविद्यालय यूपी के 10 जिलों में नम भूमि के संरक्षण के लिए करेगा सर्वे, ये जिले शामिल
लखनऊ विश्वविद्यालय का वन्य जीव विज्ञान संस्थान प्रदेश के विभिन्न जिलों में असंरक्षित पड़ी नम भूमि का सर्वे करेगा। यह कार्य आगामी दो फरवरी को वर्ल्ड वेटलैंड्स डे (विश्व नम भूमि दिवस) से शुरू होगा। इसके लिए प्रदेश के 10 जिलों का चयन किया गया है।
लखनऊ, जासं। लखनऊ विश्वविद्यालय का वन्य जीव विज्ञान संस्थान प्रदेश के विभिन्न जिलों में असंरक्षित पड़ी नम भूमि का सर्वे करेगा। यह कार्य आगामी दो फरवरी को वर्ल्ड वेटलैंड्स डे (विश्व नम भूमि दिवस) से शुरू होगा। इसके लिए प्रदेश के 10 जिलों का चयन किया गया है। इनमें सीतापुर, गोंडा, रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई, सुल्तानपुर, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर सहित एक अन्य जिला शामिल है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद चिन्हित की गई नम भूमि के संरक्षण के लिए रिपोर्ट राज्य सरकार और बायोडायवर्सिटी बोर्ड को भेजी जाएगी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के जिलों में नम भूमि के अंतर्गत झील, तालाब आदि हैं, जिन्हें अभी तक राज्य सरकार की ओर से संरक्षित नहीं किया गया है। अब लखनऊ विश्वविद्यालय का वन्य जीव विज्ञान संस्थान इसको चिन्हित करेगा। विभाग की कोआर्डिनेट प्रो. अमिता कनौजिया ने बताया कि असंरक्षित नम भूमि को चिन्हित करने के लिए 10 जिले चुने गए हैं। यहां विशेषज्ञ के साथ एक-एक टीम भेजी जाएगी। यह कार्य दो फरवरी को विश्व नम भूमि दिवस पर होगा। सर्वे के दौरान नम भूमि की स्थिति, जलीय पौधों, पक्षियों की स्थिति, जैव विविधता आदि को भी देखा जाएगा।
पहले भी चिन्हित कर चुके 103 जगह : संस्थान के परियोजना अधिकारी आदेश कुमार ने बताया कि इससे पहले 18 जिलों में सर्वे करके 103 असंरक्षित नम भूमि चिन्हित करके रिपोर्ट वन विभाग को भेजी गई थी। अब 10 नए जिलों में सर्वे के लिए हर जिले में एक-एक टीम जाएगी। इसमें विशेषज्ञ के साथ एमएससी के विद्यार्थी भी होंगे। वह चिन्हित किए गए जिलों में जाकर ग्राम प्रधान की मदद से नम भूमि वाले असंरक्षित झील, तालाब आदि देखेंगे। वहां कितने पक्षी आते हैं, क्या नुकसान और फायदे हैं ? यह भी देखा जाएगा। टीम की रिपोर्ट आने के बाद पुन : जांच की जाएगी, जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी।