लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प, गिरफ्तार
पुलिस ने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की तो वह धरने पर बैठ गए, इसके बाद दोनों ओर से तनातनी बढ़ गई।
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) व इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) के कार्यकर्ताओं द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) के गेट नंबर एक के बाहर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी छात्रों की पुलिस से नोकझोंक और झड़प भी हुई। इसके बाद पुलिस ने करीब 100 आंदोलनकारी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें दो बसों पर बैठाकर पुलिस लाइन लाया गया। यहां पर उन्होंने एसीएम पांच रश्मि धवन को ज्ञापन सौंपा।
आइसा के प्रदेश सचिव सुनील मौर्या और इनौस के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने भाजपा सरकार पर दलित व अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सामाजिक भाईचारे को बिगाड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अखाड़ा बना दिया गया है यहां से लेकर नई दिल्ली तक विश्वविद्यालयों में फंड व सीट की कटौती की जा रही है।
उन्होंने लविवि में सेल्फ फाइनेंस हॉस्टलों की संख्या बढ़ाए जाने का विरोध किया। वहीं लविवि के छात्रों पर लगाए गए फर्जी मुकदमे वापस लेने, सहारनपुर के दोषियों को दंडित कर नेता चंद्रशेखर को रिहा करने और छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग की। आइसा के लविवि इंचार्ज नितिन राज ने शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
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पुलिस ने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की तो वह धरने पर बैठ गए। इसके बाद दोनों ओर से तनातनी बढ़ गई। पुलिस आंदोलनकारी छात्रों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले आई। इसके बाद उनका ज्ञापन लिया गया और फिर देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया।
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