लखनऊ विवि ने दो कॉलेजों के रिजल्ट रोके; 11 अप्रैल से होंगी बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा
दो पैनल मिलकर तैयार करेंगे पेपर पहले पैनल में दस एक्सपर्ट होंगे दूसरे में चार एक्सपर्ट तैयार करेंगे मुख्य पेपर, डिग्री के शिक्षक भी होंगे।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) ने दो डिग्री कॉलेजों के बीएड प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम रोक दिया है। आइटी पीजी कॉलेज में बीएड प्रथम सेमेस्टर का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने और महिला पीजी कॉलेज द्वारा सेशनल के अंक न भेजे जाने की वजह से परिणाम रोका गया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. एके शर्मा ने बताया कि बाकी सभी बीएड कॉलेजों के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के परिणाम जारी किए जा चुके हैं। आइटी पीजी कॉलेज ने मानकों की अनदेखी कर बीएड प्रथम सेमेस्टर में छात्रओं को दाखिला दे दिया था। ऐसे में परीक्षा से ठीक पहले लविवि ने छात्रओं को इम्तिहान में बैठने से रोक दिया था। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट के फैसले के बाद छात्रओं को परीक्षा में तो बैठा दिया गया लेकिन रिजल्ट लविवि ने रोक लिया है। परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि मामले में नियम के अनुसार ही कार्रवाई की गई है। उधर परीक्षा विभाग द्वारा पत्र भेजकर महिला कॉलेज से बीएड प्रथम सेमेस्टर की छात्रओं के सेशनल के अंक मागे गए थे लेकिन निर्धारित समय बीतने के बावजूद सेशनल के अंक नहीं भेजे गए। ऐसे में इस डिग्री कॉलेज का भी रिजल्ट रोक दिया गया है।
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा 11 अप्रैल से
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए प्रदेश में 469 केंद्र बनाए गए हैं। 11 अप्रैल को होने वाली प्रवेश परीक्षा की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस बार बीएड में दाखिले के लिए 2.34 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन फॉर्म भरा है। ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर बीएड के एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के राज्य समन्वयक प्रो. एनके खरे ने बताया कि जल्द ही पर्यवेक्षकों की बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। प्रवेश परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए फूलप्रूफ इंतजाम किए गए हैं। अभ्यर्थियों को ऑनलाइन एडमिट कार्ड बीएड की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया जाएगा। दो पालियों में होंगी प्रवेश परीक्षा
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा 11 अप्रैल को दो पालियों में सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर दोनों पालियों में आधा घटे पहले पहुंचना होगा। परीक्षा के समय अभ्यर्थियों को एक पहचान पत्र साथ लाना होगा। इसमें अभ्यर्थी वोटर आइडी कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व पैन कार्ड आदि पहचान पत्र के तौर पर। दो विशेषज्ञ पैनेल तैयार करेंगे सेमेस्टर परीक्षा का प्रश्न पत्र
लविवि में प्रश्नपत्र अब विशेषज्ञ पैनल तैयार करेगा। अभी तक विषय विशेषज्ञ शिक्षक से प्रश्नपत्र तैयार कर उसे माड्रेशन कमेटी के सामने रखा जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जो दो पैनल प्रश्नपत्र तैयार करेंगे उसमें पहले पैनल में दस विशेषज्ञ होंगे जो अपने अलग-अलग प्रश्नपत्र तैयार करेंगे। इन प्रश्नपत्रों को दूसरे विशेषज्ञ पैनल में शामिल चार विशेषज्ञ शिक्षक लेकर एक नया प्रश्नपत्र तैयार करेंगे। दोहरी स्क्रीनिंग होने से किसी भी तरह की गड़बड़ी होने की आशका भी नहीं रहेगी। पिछले दिनों शारीरिक शिक्षा विभाग ने पेपर में कुलपति का नाम पूछ लिया और अंग्रेजी विभाग ने जो प्रश्नपत्र बनाया उसमें तीन प्रश्न ही कम थे। ऐसे में नए सत्र से सेमेस्टर सिस्टम लागू होने और बहुविकल्पीय प्रश्न पूछने की व्यवस्था किए जाने के चलते यह बदलाव किया जा रहा है। लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि दो स्तरीय व्यवस्था होने से प्रश्नपत्र अच्छा तैयार होगा और उसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश भी कम होगी। प्रश्नपत्र बनाने के लिए दो विशेषज्ञ कमेटी में डिग्री कॉलेजों के विषय विशेषज्ञ शिक्षक भी शामिल किए जाएंगे। सेमेस्टर परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे। दूसरे चार सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल को अगर यह लगता है कि पहले पैनल द्वारा तैयार किए गए प्रश्नपत्र की गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं है तो वह अपने स्तर पर नया प्रश्नपत्र तैयार कर सकेगा। नए सत्र से सेमेस्टर प्रणाली के साथ-साथ विषम सेमेस्टर में बहुविकल्पीय प्रश्नपत्र देने की तैयारी है।
विद्यार्थियों की मदद से तैयार होगा प्रश्न बैंक
लविवि व डिग्री कॉलेजों में बीए, बीएससी व बीकॉम में नए शैक्षिक सत्र से सेमेस्टर प्रणाली व च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू किया जाएगा। इसके साथ ही विषम सेमेस्टर की परीक्षाओं में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। पहली बार लागू हो रही इस व्यवस्था में विद्यार्थियों की मदद के लिए सभी विषयों का प्रश्न बैंक तैयार करवाया जाएगा। इसमें लविवि के शिक्षकों के साथ-साथ बाहरी विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी। कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि इस प्रश्न बैंक में एक हजार से लेकर दो हजार तक प्रश्न हो सकते हैं। इसके लिए बाहरी विशेषज्ञों से भी मदद ली जाएगी। बीए, बीएससी, बीकॉम में भी सेमेस्टर सिस्टम व सीबीसीएस लागू किया जाएगा। क्योंकि हर अच्छी यूनिवर्सिटी में यही सिस्टम लागू है। यही नहीं इससे विद्यार्थियों को मदद मिलेगी। सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद वर्ष में दो बार कॉपियों का मूल्याकन होना कठिन होगा। ऐसे में विषम सेमेस्टर की परीक्षाओं में बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित प्रश्नपत्र दिए जाने से यह लाभ होगा कि इम्तिहान के हफ्ते भर में सभी कोर्सेज का रिजल्ट जारी हो जाएगा। वहीं सम सेमेस्टर में विद्यार्थी की लिखित परीक्षा होगी।