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सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिले लखनऊ के व्यापारी, मांगों को घोषणा पत्र में शामिल करने की अपील

प्रमुख राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में व्यापारियों की मांगों को शामिल कराने के क्रम में आदर्श व्यापार मंडल सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से कार्यालय पर मिला। प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता के साथ प्रतिनिधि मंडल ने 15 सूत्रीय मांगें सौंपी। इन्हें चुनावी घोषणा पत्र में रखने को कहा।

By Dharmendra MishraEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 08:05 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 11:08 PM (IST)
सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिले लखनऊ के व्यापारी, मांगों को घोषणा पत्र में शामिल करने की अपील
अपनी मांगों को सपा के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कराने को लेकर अखिलेश यादव से मिले व्यापारी।

लखनऊ, जासं।  प्रमुख राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में व्यापारियों की मांगों को शामिल कराने के क्रम में आदर्श व्यापार मंडल सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से कार्यालय पर मिला और मांगपत्र सौंपा। आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता के साथ प्रतिनिधि मंडल ने 15 सूत्रीय मांगें उन्हें सौंपी और इन्हें अपने चुनावी घोषणा पत्र में रखने को कहा।

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15 सूत्रीय मांगपत्र में ई कॉमर्स नीति, ई-कॉमर्स नीति निर्मात्री समिति में व्यापारी संगठनों के व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से शामिल किए जाने, ई-कॉमर्स पोर्टल तैयार किए जाने, व्यापारी नीति आयोग का गठन करने, जीएसटी सुझाव समिति का गठन किए जाने को लेकर काउंसिल को राज्य सरकार की ओर से पत्र भेजने आदि की मांगें हैं। दुर्घटना बीमा योजना की परिभाषा में बदलाव करते हुए दुर्घटना बीमा योजना का दायरा बढ़ाते हुए 15 लाख रुपए किया जाए और उसे कोविड- 19 व महामारी एवं प्राकृतिक आपदा से होने वाली मृत्यु को भी शामिल किया जाए। कॉमर्शियल विद्युत कनेक्शन की दरें कम हों। कामर्शियल हाउस टैक्स की दरें आवासीय हाउस टैक्स की दर से मात्र दोगुनी ही रखी जाए।

वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को जल कर के भुगतान से मुक्त रखने, प्रदेश के महानगरों में 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर चल रहे बाजारों को बाजार मार्ग/ मार्केट स्ट्रीट घोषित किया जाए। यही नहीं प्रदेश के महानगरों में मिक्स लैंड यूज की व्यवस्था लागू हो, व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ को धरातल पर लाया जाए, सर्वे छापे की कार्यवाही पर पूर्णतया प्रतिबंध हो, पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के सैंपल उत्पादन इकाई से ही लिए जाएं। व्यापारिक प्रतिष्ठानों से संग्रह न हो, उन्हें मुकदमे में पार्टी बनाया जाए, प्रदेश में मंडी शुल्क व्यवस्था पूरी तरीके से समाप्त की जाए।


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