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Good News: लखनऊ को मिलेंगे दो फायर स्टेशन, अग्‍निकांड की घटनाओं में मिलेगी मदद

राजधानी लखनऊ में गोसाईगंज क्षेत्र और चिनहट के इंडस्ट्रियल एरिया में फायर स्टेशन बनेंगे। जल्द ही दोनों फायर स्टेशन का निर्माण भी शुरू हो जाएगा। अब इन इलाकों में अग्निकांड की घटनाओं में लोगों को काफी मदद मिल सकेगी।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 12:12 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 12:12 PM (IST)
Good News: लखनऊ को मिलेंगे दो फायर स्टेशन, अग्‍निकांड की घटनाओं में मिलेगी मदद
लखनऊ के गोसाईगंज और चिनहट क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया में बनेगा फायर स्टेशन।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में गोसाईगंज क्षेत्र और चिनहट के इंडस्ट्रियल एरिया में फायर स्टेशन बनेंगे। जल्द ही दोनों का निर्माण भी शुरू हो जाएगा। अब इन इलाकों में अग्निकांड की घटनाओं में लोगों को काफी मदद मिल सकेगी। पहले गोसाईगंज और नगराम इलाके में अग्निकांड की सूचना पर 20 से 25 किमी दूर पीजीआइ फायर स्टेशन से गाडिय़ां जाती थीं। वहीं, चिनहट इलाके में अग्निकांड की घटनाओं में गोमतीनगर और इंदिरानगर से गाडिय़ां जाती थीं।

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अग्निकांड की घटनाओं में अब होगा कम नुकसान, फायर सीजन में बचेंगी फसले

सीएफओ (चीफ फायर अफसर) विजय कुमार सिंह ने बताया कि साल के 30 फीसद अग्निकांड एक अप्रैल से लेकर 30 जून तक होते हैं। इसमें सबसे अधिक नुकसान फायर सीजन में होता है। खासकर ग्र्रामीण इलाकों में गेहूं की फसल जलती है। पीजीआइ के बाद मोहनलालगंज, गोसाइगंज, नगराम और निगोहां चार थानाक्षेत्रों में सर्वाधिक खेती से संबंधित भूमि है। फायर सीजन में जब यहां फसलों और घरों में आग लगती है तो पीजीआइ इलाके गाड़ी पहुंचने में काफी देर हो जाती है और जब दमकल पहुंचती है तबतक आग और बड़ी हो जाती थी। अब यह दिक्कतें समाप्त होगीं।

वर्तमान में हैं आठ फायर स्टेशन

शहर में वर्तमान समय में आठ फायर स्टेशन हैं। जिसमें हजरतगंज, चौक, इंदिरानगर, गोमतीनगर, पीजीआइ, सरोजनीनगर, आलमबाग और बीकेटी हैं। अब गोसाईगंज और चिनहट और बढ़ जाएगा। इसके साथ ही फायर विभाग के स्टाफ में भी इजाफा होगा। मार्च तक करीब 100 फायरमैन लखनऊ को मिलेंगे।

चीफ फायर अफसर विजय कुमार सिंह ने बताया कि गोसाईगंज और चिनहट में फायर स्टेशन बनाने के लिए भूमि आवंटित हो गई है। जल्द ही फायर स्टेशन का निर्माण कार्य इसी बजट सत्र में होगा। इससे दमकल विभाग और मजबूत होगा। गोसाईगंज के ग्र्रामीण इलाकों में पीजीआइ और चिनहट के इंडस्ट्रियल एरिया में गाड़ी पहुंचने के लिए देर होती थी। जिसके कारण अग्निकांड की घटनाएं और बड़ी हो जाती थीं।  


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