UP Chunav 2022: चर्चा में लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट, मंत्री और उनके पति के बीच लगी टिकट की रेस
UP Vidhan Sabha Chunav 2022 दयाशंकर सिंह का कहना है कि पिछली बार विवाद के कारण मुझे टिकट नहीं मिला था। अगर इस बार पार्टी टिकट देगी तो चुनाव में चुनौती पेश करूंगा। वहीं मंत्री स्वाति सिंह ने इस मामले पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इन्कार किया।
लखनऊ [जागरण संवाददाता]। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच लखनऊ की सरोजिनीनगर विधानसभा सीट अचानक चर्चा में आ गई है। लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट पर मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के बीच टिकट के लिए रेस और तेज हो गई है। दोनों ही टिकट को लेकर सरकार से लेकर संगठन के कद्दावर लोगों के संपर्क में हैं। पति-पत्नी के बीच टिकट को लेकर चल रही जोर आजमाइश की चर्चा इंटरनेट मीडिया से लेकर राजनीतिक हलकों में भी खूब हो रही हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में स्वाति सिंह बाल कल्याण मंत्री हैं और उनके पति दया शंकर सिंह भाजपा की राज्य इकाई में उपाध्यक्ष। स्वाति सिंह सरोजनी नगर से मौजूदा विधायक हैं और टिकट के लिए इस बार भी दावेदार हैं। दरअसल, स्वाति सिंह की राजनीतिक पारी अचानक शुरू हुई थी। पति दयाशंकर सिंह ने जुलाई, 2016 में बसपा अध्यक्ष मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी जिस पर बसपा ने बड़ा आंदोलन छेड़ दिया था। बसपा के तेवर और दयांशकर की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने उनको निष्कासित कर दिया।
इसके बाद भाजपा ने बसपा को जवाब देने के लिए दया शंकर की पत्नी स्वाति सिंह को महिला विंग का प्रमुख बनाकर राजनीति में खड़ा किया। उस समय स्वाति सिंह का राजनीति से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं था। महिला विंग की कमान संभालने के बाद भाजपा ने स्वाती सिंह को 2017 के चुनाव में सरोजनीनगर का टिकट दिया। स्वाति सिंह चुनाव जीतीं और योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री बनीं। इसके बाद दयाशंकर सिंह का निष्कासन रद करके फरवरी 2018 में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। अब एक बार फिर चुनाव सामने है तो दयाशंकर भी सरोजनीनगर सीट से दावेदारी पेश कर रहे हैं।
दयाशंकर सिंह का कहना है कि पिछली बार विवाद के कारण मुझे टिकट नहीं मिला था। अगर इस बार पार्टी टिकट देगी तो चुनाव में चुनौती पेश करूंगा। वहीं मंत्री स्वाति सिंह ने इस मामले पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इन्कार किया। उनका कहना है कि पार्टी का जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा।