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कीमत से ज्यादा किराये पर आक्सीजन कंसट्रेटर देने वाला फर्म संचालक गिरफ्तार, लक्जरी कार समेत कई सामान बरामद

तीमारदारों से आक्सीजन कंसट्रेटर की कीमत से अधिक किराया वसूलने वाले गिरोह के सरगना मेडिकल फर्म संचालक सुभाष चंद्रा को हुसैनगंज पुलिस ने सोमवार गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से 18 आक्सीजन कंसट्रेटर व अन्य उपकरण बरामद किए हैं।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 05:50 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 06:01 PM (IST)
कीमत से ज्यादा किराये पर आक्सीजन कंसट्रेटर देने वाला फर्म संचालक गिरफ्तार, लक्जरी कार समेत कई सामान बरामद
लखनऊ के हुसैनगंज पुलिस ने मेडिकल उपकरणों की मुनाफाखोरी करने वाले सरगना को किया गिरफ्तार।

लखनऊ, जेएनएन। मरीजों के तीमारदारों से आक्सीजन कंसट्रेटर की कीमत से अधिक किराया वसूलने वाले गिरोह के सरगना मेडिकल फर्म संचालक सुभाष चंद्रा को हुसैनगंज पुलिस ने सोमवार गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से 18 आक्सीजन कंसट्रेटर व अन्य उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस उसके गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। 

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कीमत से अधिक वसूलते थे हफ्ते भर का किराया, 35 हजार जमा करता था सिक्योरिटी मनी एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित सुभाष चंद्रा मूल रूप से जौनपुर के बादशाहपुर, मुंगरा क्षेत्र के नारायण गांव का रहने वाला है। यहां वृंदावन योजना में आदित्य रायल हाइट्स अपार्टमेंट में रहता था। यहां पीजीआइ रोड पर मैट्रिक्स हेल्थ केयर सेंटर का मालिक खुद को बताता था। आक्सीजन कंसट्रेटर की वास्तविक कीमत 35-40 हजार रुपये है। वह मरीजों के तीमारदारों से संपर्क करके उन्हें आक्सीजन कंसट्रेटर उपलब्ध कराता था। एक हफ्ते का किराया 35 से 40 हजार रुपये लेता था। इसके साथ ही 35 से 40 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा कराता था। एडीसीपी ने बताया कि इतनी ही कीमत कंसट्रेटर की होती है। इसके अलावा सुभाष के पास से तीन आक्सीजन सिलिंडर, पांच सिलिकान फेस मास्क (कीमत छह हजार रुपये प्रति), एक लैपटाप, एक मोबाइल, 2.40 लाख रुपये, एक लक्जरी कार और रसीद बुक बरामद की गई है। आक्सीजन सिलिंडर जरूरतमंदों को 30 से 35 हजार रुपये में बेचता था। सुभाष चंद्रा को पुराना किला के पास से गिरफ्तार किया गया है। 

अस्पतालों के कर्मचारियों के माध्यम से करता था सप्लाई: इंस्पेक्टर हुसैनगंज दिनेश सिंह विष्ट ने बताया कि सुभाष अस्पतालों में उपकरणों की सप्लाई का काम करता था। उसका कई अस्पतालों में उसका आना जाना था। अस्पतालों से ही जरूरतमंद लोगों के नंबर जुटाता था। इसके बाद उनसे संपर्क कर्मचारियों के माध्यम से ही करता था। एडीसीपी ने बताया कि कई अस्पातलों के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। मोबाइल के नंबरों के आधार पर पड़ताल की जा रही है। जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। 

एक जरूरतमंद का फोन आने पर पुलिस ने किया ट्रेस: एडीसीपी ने बताया कि बीते दिनों आक्सीजन कंसट्रेटर के जरूरतमंद का फोन उनके पास आया। उसने बताया कि साहब कहीं से आपका नंबर मिला है। मुझे आक्सीजन कंसट्रेटर की जरूरत है। किराए पर एक व्यक्ति दे रहा है पर किराया रुपये कीमत के बराबर ही मांग रहा है। इस पर जरूरतमंद व्यक्ति को आक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था कराकर एडीसीपी ने दी और उससे संदिग्ध नंबर लेकर उसे सर्विलांस पर लिया। सर्विलांस पर नंबर लिया तो गिरोह की परतें खुलती गईं। इसके बाद हुसैनगंज पुलिस और सर्विलांस टीम की मदद से सरगना को गिरफ्तार कर लिया गया।


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