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ट्रक खरीदने के नाम पर हड़प लिए 96 लाख रुपये, जालसाज पति-पत्नी पहुंचे सलाखों के पीछे

जानकीपुरम स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर ने दर्ज कराई रिपोर्ट, कानपुर का रहने वाला है जालसाज। पत्नी द्वारा कई बैंकों से लाखों रुपये धोखाधड़ी करने की खबरे मीडिया में प्रकाशित हुई। इसके बाद खुली जालसाज पति की पोल।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 11:13 AM (IST)
ट्रक खरीदने के नाम पर हड़प लिए 96 लाख रुपये, जालसाज पति-पत्नी पहुंचे सलाखों के पीछे
ट्रक खरीदने के नाम पर हड़प लिए 96 लाख रुपये, जालसाज पति-पत्नी पहुंचे सलाखों के पीछे

लखनऊ (जेएनएन)। ट्रक ख्ररीदने के नाम पर कानपुर सीसामऊ के जालसाज ने जानकीपुरम स्थित एसबीआइ की शाखा से 96 लाख का लोन लेकर सारे रुपये हड़प लिए। मामला संज्ञान में आने पर बैंक प्रबंधक ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जानकीपुरम पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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इंस्पेक्टर के मुताबिक, सीसामऊ निवासी सूरज मिश्र ने कई साल पहले जानकीपुरम विस्तार सेक्टर छह में रहता था। उसने वर्ष 2013 में छह ट्रक ख्ररीदने के लिए अपनी फर्म मेसर्स एलटीसी इंटरप्राइजेज से 96 लाख रुपये के लोन का आवेदन किया था। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जनवरी 2014 में उसे लोन दे दिया गया। सूरज द्वारा दी गई आरसी के मुताबिक उसने दो कंपनियों से छह ट्रकों की चेसिस खरीदी थी। इस बीच सूरज की पत्नी शालिनी द्वारा कई बैंकों से लाखों रुपये धोखाधड़ी करने की खबरे मीडिया में प्रकाशित हुई। जिसके बाद हजरतगंज कोतवाली में सूरज और उसकी पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई और दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जालसाजी की आशंका पर पड़ताल की गई तो सूरज द्वारा ख्ररीदे गए ट्रकों के बारे में बैंक को कोई जानकारी नहीं हो सकी। इस लिए उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

प्रिंसिपल के खाते से जालसाज ने उड़ाए 80 हजार

खुद को बैंक अधिकारी बताकर जालसाज ने एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल रामा अग्रवाल के खाते से 80 हजार रुपये उड़ा दिए। पुलिस के मुताबिक जालसाज ने गुरुवार को रामा को फोन पर बोला आपका एटीएम कार्ड बंद होने वाला है, आधार और एटीएम कार्ड का नंबर बताएं। इस पर उसे जानकारी दे दी। जिसके बाद मैसेज आए जालसाज ने उनसे ओटीपी पूछा और कई बार में खाते से 80 हजार रुपये निकल गए। फोन कटने के बाद मैसेज देखकर जानकारी हुई।

50 हजार की ठगी

पारा के सौरभ नगर आलम विहार भपटामऊ निवासी समीक्षा अधिकारी अनिल कुमार से जालसाज ने 50 हजार रुपये ठग लिए। ठग ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर अनिल को झांसे में लिया था। इस मामले में पीड़ित ने पारा थाने में एफआइआर दर्ज कराई है। नगर विकास विभाग अनुभाग छह सचिवालय बापू भवन में तैनात अनिल कुमार के पास आठ सितंबर की दोपहर में एक महिला ने फोन किया था। आरोप है कि महिला ने खुद को सचिवालय गेट नंबर नौ स्थित स्टेट बैंक का कर्मचारी बताया। इसके बाद अनिल कुमार को पुरानी पास बुक, एटीएम व चेकबुक जमा करने की बात कही। झांसे में लेकर महिला ने अनिल से उनके एटीएम कार्ड का नंबर हासिल कर लिया। इसके बाद अनिल के खाते से तीन बार में 50 हजार रुपये निकल गए।

ऐंठ लिए पांच लाख

जालसाजों ने गाजियाबाद के डॉ. रमेश कुमार मिश्र को फ्लैट दिलाने के नाम पर उनसे पांच लाख रुपये ऐंठ लिए। मामला संज्ञान में आने पर पीड़ित ने फ्लैट मालिक, निजी बैंक के मैनेजर समेत चार के खिलाफ चिनहट कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर के मुताबिक डॉ. रमेश गाजियाबाद संजयनगर सेक्टर 13 में रहते हैं। लखनऊ में फ्लैट खरीदने के लिए हर्षित मिश्र से मुलाकात हुई। हर्षित ने फ्लैट दिलाने की बात कही। एक साल पहले हर्षित ने गोमतीनगर में एक फ्लैट दिखाया और कहा कि वह उसका मालिक है। 25 लाख रुपये में सौदा तय हो गया। हर्षित ने पांच लाख रुपये एडवांस मांगे। उसके द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर किए गए। ठगी होने के बाद चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

व्यापार का झांसा देकर ठगे थे 22 लाख, गिरफ्तार

मोबाइल फोन का व्यापार करने का झांसा देकर एक रियल एस्टेट कारोबारी से 22 लाख की ठगी के आरोपित को साइबर क्राइम सेल ने जयपुर से गिरफ्तार किया है। साइबर सेल के नोडल अधिकारी व सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक आरोपित के खिलाफ मार्च 2017 में विभूतिखंड थाने में एफआइआर दर्ज थी। पड़ताल के दौरान टीम को जयपुर भेजा गया था, जहां से उसे दबोच लिया गया। 1ठगी के शिकार छावनी बाजार बस्ती निवासी सिद्धांत जायसवाल के मुताबिक मूलरूप से कोलकाता निवासी सोनू यादव विजयंत खंड में किराए के मकान में रहता था। आरोपित सोनू ने मोबाइल फोन के व्यापार के नाम पर थोड़ा-थोड़ा कर के कुल 22 लाख रुपये लिए थे। रुपये मांगने पर आरोपित उन्हें टरकाने लगा था। इसके बाद आठ मार्च 2017 को अचानक पत्नी समेत राजधानी से फरार हो गया। काफी खोजबीन करने के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं लगा, जिसके बाद पीड़ित ने विभूतिखंड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपित के फेसबुक व ईमेल आइडी खंगाली तो उन्हें कुछ सुराग मिला। इसके बाद साइबर सेल से मदद मांगी गई। छानबीन के बाद साइबर क्राइम सेल की टीम जयपुर के वैशाली नगर स्थित आम्रपाली चौराहा से सोनू को दबोच लिया। आरोपित मूलरूप से बिहार के सारन, दोसापुर का रहने वाला है।


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