लखनऊ मेट्रो ने ट्रैक पर शुरू की बालू की बोरियों से लोड टेस्टिंग
गोमती स्पैन पर चार सौ टन से अधिक रखा गया है लोड, अक्टूबर 2016 में मेट्रो में बालू की बोरियां भरकर ट्रैक पर हुई थी खड़ी।
लखनऊ (जेएनएन) । मेट्रो ट्रैक पर बालू की बोरियां रखकर टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। इस बार लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मेट्रो कोच का इंतजार नहीं किया। हैवी क्रेन की मदद से एलीवेटेड ट्रैक पर बालू की बोरियां लदवाकर टेस्टिंग शुरू कर दी है। उद्देश्य है कि इससे मेट्रो का टेस्टिंग में लगने वाला समय बचे और उस समय में दूसरे कामों में लगाया जा सके। सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद फरवरी में मेट्रो का कमर्शियल रन किया जा सके।
लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केश्व ने बताया कि नवंबर व दिसंबर लखनऊ मेट्रो के नार्थ साउथ कॉरिडोर के लिए अति महत्वपूर्ण है। इन दो माह में दीपावली व छठ है, फिर भी कार्यदायी संस्थाओं और मेट्रो के कर्मियों ने अपने काम की रफ्तार धीमी नहीं की है। उनके मुताबिक लोड टेस्टिंग हो जाने से मेट्रो के जरिए होने वाली लोड टेस्टिंग की बहुत ज्यादा कही जरूरत नहीं पड़ेगी। गौरतलब है कि लखनऊ मेट्रो ने प्राथमिक सेक्शन ए में ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग मेट्रो स्टेशन के बीच लोड टेस्टिंग की थी। वर्ष 2016 में टेस्टिंग के दौरान मेट्रो कोच के भीतर हजारों बालू की बोरिया लोड करके रखी गई थी, जो पूरा परीक्षण सफल रहा था। उन्होंने बताया कि इस बार भी एलएमआरसी ने गुणवत्ता से समझौता नहीं किया है। इसलिए अब तक की गई लोड टेस्टिंग के रिजल्ट अच्छे आ रहे हैं।
पूरे रूट पर होगी टेस्टिंग
लखनऊ मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि केडी सिंह से मुंशी पुलिया के बीच अधिसंख्य स्थानों पर लोड टेस्टिंग का काम किया जाएगा। किसी प्रकार की गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी, जिससे लू पोल रह जाए। इसलिए स्पैन पर विशेष रूप से लोड टेस्टिंग कराई जा रही है।
भूमिगत स्टेशनों के बन जाएंगे प्रवेश व निकास द्वार
जनवरी 2019 में लखनऊ मेट्रो भूमिगत स्टेशनों के प्रवेश व निकास द्वारा पूरी तरह से तैयार कर लेगा। इनमें चौधरी चरण सिंह मेट्रो स्टेशन, हुसैनगंज, सचिवालय और हजरतगंज मेट्रो स्टेशन हैं। नवंबर के प्रथम सप्ताह तक लखनऊ मेट्रो ने प्रवेश व निकास द्वार के सिविल से जुड़े अधिकांश काम कर लिए थे।