लखनऊ में अब नहीं होगी पानी की किल्लत, मेयर ने खराब पड़े 12 नलकूपों को रिबोर कराने का दिया निर्देश
महापौर ने कहा कि आवश्यकतानुसार पानी आपूर्ति का समय बढ़ाया जाए और दूषित जलापूर्ति की जांच कराई जाए। महापौर ने कहा कि खराब हो गए सबमर्सिबल पंपों का सर्वे कराकर उसे तत्काल ठीक कराया जाए। जलकल महाप्रबंधक ने बताया कि जल्द ही भीतर सभी समस्याओं को चिह्नित कर लिया जाएगा।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। भूजल का स्तर गिरने से खराब हो गए बारह नलकूपों से फिर पानी निकल सकेगा। पांच करोड़ की लागत से इन नलकूपों को रिबोर किया जाएगा। इससे पानी संकट प्रभावित इलाकों को पानी मिल सकेगा। शहर में कई जगह नलकूप सफेद हाथी बन गए हैं और इस कारण सुबह से पानी पाने के लिए मार मची रहती है। गोमतीनगर में ही आधा दर्जन से अधिक नलकूपों ने पानी देना बंद कर दिया है तो यही हाल शहर के अन्य इलाकों का भी है। इसी तरह सबमर्सिबल पंप और हैंडपंप भी जगह-जगह खराब से ये भी पानी संकट में मददगार साबित नहीं हो पा रहे हैं।
शहर वासियों को पेयजल संकट को दूर करने के लिए महापौर संयुक्ता भाटिया ने जलकल के अधिकारियों के साथ बारह नलकूपों को रिबोर कराने का आदेश दिया। यह रिबोर पंद्रह वे वित्त आयोग की राशि से कराया जाएगा। बैठक में जलकल के महाप्रबंधक एसके वर्मा ने बताया कि 40 जोनल पम्पिंग स्टेशन, 147 ओवरहेड टैंकों, 750 नलकूपो से पानी की आपूर्ति की जाती है।
महापौर ने कहा कि आवश्यकतानुसार पानी आपूर्ति का समय बढ़ाया जाए और दूषित जलापूर्ति की जांच कराई जाए। महापौर ने कहा कि खराब हो गए सबमर्सिबल पंपों का सर्वे कराकर उसे तत्काल ठीक कराया जाए। जलकल महाप्रबंधक ने बताया कि एक दो दिन में उन नलकूपों को चिंहित कर लिया जाएगा, जिसे रिबोर कराना आवश्यक है।
20- 20 स्थानों पर लगाए जाएं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टमः महापौर ने भूजल स्तर के गिरने पर चिंता जताते हुए निर्देश दिया कि हर जोन में 20 स्थानों को चिंहित कर वहां पर बारिश से पहले ही वर्षा जल बचाने के इंतजाम किए जाएं। महापौर ने बताया कि इस कार्य के लिए बजट में भी दो करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई हैं।