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फ्लाईओवर पर स्ट्रीट लाइट और स्पीड ब्रेकर्स के मामले में हाईकोर्ट सख्‍त, लखनऊ नगर न‍िगम से मांगा जवाब

कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो अगली सुनवाई पर नगर आयुक्त को पीठ के समक्ष उपस्थित होना होगा। यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने लोक न्यायार्थ संस्था की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 09:10 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 08:13 AM (IST)
फ्लाईओवर पर स्ट्रीट लाइट और स्पीड ब्रेकर्स के मामले में हाईकोर्ट सख्‍त, लखनऊ नगर न‍िगम से मांगा जवाब
याची का कहना है कि लखनऊ शहर के सभी स्पीड ब्रेकर की तत्काल मार्क‍िंग के आदेश सरकार को दिए जाएं।

लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने नगर निगम शहर के अयोध्या लखनऊ हाई वे पर बने कमता, चिनहट और मटियारी फ्लाई ओवरों पर स्ट्रीट लाइट लगवाने का आदेश दिया है।

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कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो अगली सुनवाई पर नगर आयुक्त को पीठ के समक्ष उपस्थित होना होगा। मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी। यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने लोक न्यायार्थ संस्था की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। सन् 2017 में दाखिल इस याचिका में अयोध्या रोड के इन तीनों फ्लाई ओवर पर स्ट्रीट लाइट लगवाने की मांग की गई है।

वहीं याचिका पर सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की अधिवक्ता समिधा ने दलील दी कि उक्त फ्लाई ओवरों को एनएचएआइ ने बनवाया जरूर है लेकिन एग्रीमेंट में उसके द्वारा स्ट्रीट लाइट लगवाने की बात नहींं आई थी। उनका कहना था कि फ्लाई ओवरों को नगर निगम को हस्तांतरित किया जा चुका है, लिहाजा स्ट्रीट लाइट लगवाने की जिम्मेदारी भी नगर निगम की ही है। कोर्ट ने नगर निगम के अधिवक्ता नामित शर्मा को अगली सुनवाई पर अनुपालन रिपोर्ट का हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया है।

स्पीड ब्रेकर्स के मामले में जवाब तलब

हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार व नगर निगम लखनऊ को राजधानी समेत प्रदेश भर के स्पीड ब्रेकरों की स्थिति के बावत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने पूछा है कि स्पीड ब्रेकरों को स्पष्ट दिखाई देने योग्य, नियमों के अनुरूप उनकी पेंटिंग और इन्हेंं इंगित करने के लिए साइन बोर्ड लगाने की दिशा में क्या प्रयास किए गए।

यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने अब्दुल्लाह रमजी खान की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया। याची का कहना है कि लखनऊ शहर के सभी स्पीड ब्रेकर की तत्काल माॄकग के आदेश सरकार को दिए जाएं। इसके साथ ही स्कूलो, कालेजों, अस्पतालों और दुर्घटना बहुल इलाकों में माक्र्ड और विजिबल स्पीड ब्रेकर बनवाए जाएं। 20 नवम्बर 2017 को सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार मात्र लखनऊ शहर में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में स्पीड ब्रेकर के स्पष्ट दिखाई देने और इन्हेंं इंगित करने के लिए साइनबोर्ड लगाया जाना सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी। कोर्ट ने इस आश्वासन के बावत टिप्पणी की कि सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था, बावजूद इसके अब तक वर्तमान मामले में कोई शपथ पत्र दाखिल नहीं किया गया है। कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं।


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