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अफसरों के आदेश के बाद भी अवैध काम्प्लेक्स नहीं गिरा रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के अभियंता, पांच साल से शिकायत कर रहे किसान नेता

अवैध निर्माण वह भी लखनऊ विकास प्राधिकरण की जमीन पर बनकर तैयार है। ध्वस्तीकरण के आदेश दिए जा चुके हैं लेकिन जोन चार प्रवर्तन के अभियंता अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं कर रहे हैं। सालों से सिर्फ पत्राचार का खेल खेला जा रहा है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 02:25 PM (IST)
अफसरों के आदेश के बाद भी अवैध काम्प्लेक्स नहीं गिरा रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण के अभियंता, पांच साल से शिकायत कर रहे किसान नेता
लविप्रा की जमीन पर अवैध रूप से बना दिया गया अवध बाजार काम्प्लेक्स।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण के विहित प्राधिकारी का आदेश कागजों पर सिमटकर रह गया है। अवैध निर्माण वह भी लविप्रा की जमीन पर बनकर तैयार है। ध्वस्तीकरण के आदेश दिए जा चुके हैं लेकिन जोन चार प्रवर्तन के अभियंता अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं कर रहे हैं। सालों से सिर्फ पत्राचार का खेल खेला जा रहा है। एक बार फिर विहित प्राधिकारी ने जोन चार ने प्रवर्तन को उसके दायित्यों की याद दिलाई है। वही किसान नेता राजू गुप्ता ने लविप्रा की सुस्त कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब लविप्रा अपनी जमीन भू माफिया से नहीं छुड़ा पा रहा है तो आम आदमी को क्या इंसाफ दिलाएगा?

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टेड़ी पुलिया पर स्थित लविप्रा की दो बीघे से ज्यादा जमीन पर है। यहां आधे से ज्यादा हिस्से पर अवैध रूप से शापिंग काम्प्लेक्स अवध बाजार नाम से खड़ा कर लिया गया है। शिकायत हुई मामले की जांच में पाया गया कि जमीन लविप्रा की है। लविप्रा ने दूसरे पक्ष को अपनी बात रखने की बात कही, लेकिन कोई ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके, जिससे प्रतीत हो कि काम्प्लेक्स सही जमीन पर बना है। खास बात है कि इस पूरे निर्माण में प्रवर्तन से जुड़े सुपरवाइजर से लेकर अधिशासी अभियंता की भूमिका संदिग्ध रही। सवाल खड़ा होता है कि ग्राम आकिलपुर स्थित खसरा संख्य 126 के अधिकांश हिस्से पर कब्जा हो चुका है, यह हाल तब है। अफसरों द्वारा प्रवर्तन के अभियंताओं को 20 नवंबर 2016 से 30 सितंबर 2021 के बीच एक दर्जन से अधिक पत्र लिखे गए, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई।

प्रवर्तन के अभियंताओं पर सवाल हुए खड़े: करोड़ों रुपये की जमीन पर करोड़ों रुपये खर्च करके बनाए गए अवध बाजार को गिराने में प्रवर्तन से जुड़े अभियंता घबरा रहे हैं। कारण अभियंताओं की भूमिका भी संदिग्ध रही है। भले वर्तमान के अभियंता इसमे शामिल न रहे हो, लेकिन पूर्व के अभियंताओं ने इसे पालने पोशने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार ने बताया कि नियमानुसार कार्रवाई तय है, जिम्मेदारी से कोई बच नहीं सकता। इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है, जल्द ही एक्श्न होगा।


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