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Lucknow Coronavirus News: कोरोना संक्रमित के ब्लड सैंपल के जांच के लिए पीजीआई ने बनाई एसओपी

कोरोना संक्रमित ब्लड की जांच के सैंपल के हैंडलिंग से लेकर निस्तारण के लिए संजय गांधी पीजीआइ ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रासेस( एसओपी) तैयार किया है। जिसका फायदा प्रदेश या देश की सभी प्रयोगशाला व पैरामेडिकल उठा सकते हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 07:17 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 07:17 AM (IST)
Lucknow Coronavirus News: कोरोना संक्रमित के ब्लड सैंपल के जांच के लिए पीजीआई ने बनाई एसओपी
इसका फायदा प्रदेश या देश के सभी प्रयोगशाला उठा सकती है।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना काल में मरीजों के रक्त के नमूने की हैंडलिंग के दौरान लैब में जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन, नमूने का निस्तारण करने वाले और नमूने निकालने के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। हैंडलिंग से लेकर निस्तारण के लिए संजय गांधी पीजीआइ ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रासेस( एसओपी) तैयार किया है जिसका फायदा प्रदेश या देश के सभी प्रयोगशाला उठा सकती है।

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इस एसओपी को सबके लिए संस्थान की कोविद -19 की वेव साइट पर डाल दिया गया है। संजय गांधी पीजीआइ के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश हर्ष वर्धन ने निर्देशन में कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बताया गया कि संक्रमित मरीज के नमूने के जांच के दौरान जांच करने वाले को मास्क, दस्ताना , फेश शील्ड लगा कर नमूने का प्रोसेस करना चाहिए। नमूने में हवा का बुलबुला न बनने पाए इसके लिए नमूने के ट्यूब को हिलाना नहीं चाहिए। सीरम निकालने के लिए बंद सेंट्रीफ्यूज में शील्ड ट्यूब में सेंट्री फ्यूज करना चाहिए। नमूने हमेशा शील्ड ट्यूब में ही लेना चाहिए। वार्ड से संक्रमित मरीज का नमूना लैब में भेजते समय उस के साथ टेस्ट के फार्म पर विशेष रूप से लिखना चाहिए कि यह संक्रमित नमूने है।

इससे जांच कर्ता विशेष सावधानी बरतते हैं। रक्त का नमूने निकालने के बाद निडिल को कभी दोबारा ढक्कन न लगाएँ निडिन को निडिल कटर से नष्ट कर दें । ऐसा न करने से निडिल किसी को भी चुभ सकती है। बायो वेस्ट का निस्तारण ऐसे बैग में करें जिसमें कोई स्राव न हो। कम से कम तीन लेयर वाले पैकेट मे बंद कर निस्तारित करें ऐसे न करने से संक्रमण सामान्य लोगों मे फैल सकता है। निदेशक प्रो.आरके धीमन और माइक्रोबायलोजी विभाग की प्रमुख प्रो. उज्वला घोषाल ने कहा कि संक्रमित मरीजों के नमूनों के जरा सी लापरवाही जांच कर्ता और तमाम लोगों को संक्रमण के कारण साबित हो सकता है।


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