Move to Jagran APP

Ram Temple Construction: श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नींव की खोदाई का काम तेज, पहुंचने लगे पत्थर

अयोध्या में होने वाली मंदिर निर्माण समिति की बैठक की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अयोध्या पहुंचने की उम्म्मीद है। बुधवार को वह एलएंडटी व टाटा कंपनी के विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे और परिसर का निरीक्षण करेंगे।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 06:57 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:46 AM (IST)
Ram Temple Construction: श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नींव की खोदाई का काम तेज, पहुंचने लगे पत्थर
अयोध्या में श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई के काम में मंगलवार से और तेजी आ गई।

अयोध्या, जेएनएन। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई के काम में मंगलवार से और तेजी आ गई। कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो ने नींव की खोदाई को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए पोकलैंड मशीनों की संख्या बढ़ा दी है। अभी तक एक पोकलैंड कार्य कर रही थी, तो मंगलवार से दो पोकलैंड की मदद से नींव की खोदाई आरंभ कर दी गई। मुख्य गर्भगृह में भी नींव खनन का काम चल रहा है। राममंदिर नींव की खोदाई के समानांतर इसमें प्रयुक्त होने वाले पत्थर भी अयोध्या लाये जाने लगे हैं। ये पत्थर मिर्जापुर से लाये जा रहे हैं। इन्हें श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रखा जा रहा है। पत्थरों की अभी कई औैर खेप आनी हैं।

loksabha election banner

बुधवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के पदाधिकारियों के आगमन को लेकर कार्यदायी संस्था पूरी तत्परता बरत रही है और इसी का परिणाम है कि परिसर में मंदिर निर्माण से जुड़ी हलचल बढ़ गयी है। प्रस्तावित मंदिर की जद में आने वाले प्राचीन मंदिरों के अवशेषों को हटाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके लिए डंपर और कई ट्रालियां लगी हैं।

अयोध्या में 21-22 जनवरी को होने वाली मंदिर निर्माण समिति की बैठक की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। मंगलवार देर रात ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अयोध्या पहुंचने की उम्म्मीद है। बुधवार को वह एलएंडटी व टाटा कंपनी के विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे और परिसर का निरीक्षण करेंगे। इसी बैठक में खोदाई के बाद नींव का निर्माण शुरू होने की प्रक्रिया को हरी झंडी दी जानी है।

दिल्ली में आयोजित पिछली बैठक में नींव की नई डिजाइन पर चर्चा हुई और अनौपचारिक रूप से इसे सदस्यों ने स्वीकार भी कर लिया है। इसी के बाद से नींव की खोदाई का कार्य शुरू हुआ। नींव का निर्माण अब पारंपरिक निर्माण शैली के अनुरूप कंटीन्युअस राफ्ट स्टोन प्रणाली के तहत होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.