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Allahabad High Court News: इंटर कालेजों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों में बीपीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति गलत, सेवा होगी समाप्‍त

Allahabad High Court News इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट 2021 व अन्य प्रविधानों का जिक्र करते हुए इंटर कालेजों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों में बीपीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति को गलत करार दिया है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 09:36 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 07:21 AM (IST)
Allahabad High Court News: इंटर कालेजों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों में बीपीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति गलत, सेवा होगी समाप्‍त
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीपीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षक की सेवाएं समाप्त करने पर लगाई मुहर।

लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट 2021 व अन्य प्रविधानों का जिक्र करते हुए इंटर कालेजों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों में बीपीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति को गलत करार दिया है। इस आधार पर कोर्ट ने गोंडा के विवेकानंद इंटर कालेज से संबद्ध प्राइमरी स्कूल में बीपीएड डिग्री के आधार पर तैनात एक सहायक शिक्षक की सेवा समाप्त करने संबंधी आदेश पर मुहर लगा दी।

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यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने राकेश कुमार की रिट याचिका खारिज करते हुए पारित किया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नियुक्ति संबंधित कानूनी प्रविधानों का जिक्र करते हुए स्पष्ट किया कि विधायिका की साफ मंशा है कि ऐसे स्कूलों में नियुक्ति के लिए स्नातक के साथ बीटीसी, एचटीसी या सीटी की डिग्री आवश्यक होगी और यदि इनके डिग्रीधारक नहीं मिलते तो उनके स्थान पर बीएड डिग्रीधारक को रखा जाएगा। किंतु ऐसा प्रविधान नहीं है कि बीटीसी, एचटीसी या सीटी धारक की उपलब्धता न होने पर बीपीएड डिग्री धारक को नियुक्ति दी जाए।

याचिकाकर्ता राकेश कुमार गोंडा के विवेकानंद इंटर कालेज से संबद्ध प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक पद पर तैनात था। 20 अक्टूबर 2014 को कालेज प्रबंधन ने उसे नौकरी के लिए बीपीएड डिग्री के साथ आवेदन करने के कारण हटा दिया था। जबकि नियमानुसार यह डिग्री सहायक शिक्षक पद पर चयन के लिए मान्य नहीं थी। कालेज प्रबंधन के इस आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी 27 दिसंबर 2016 को अपनी मुहर लगा दी थी। जिसके बाद याची ने आदेश को 2017 में हाईकोर्ट में चुनौती दी।


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