प्रतिबंधित रेलवे सॉफ्टवेयर का गढ़ बना लखनऊ, एक महीने में 42 कार्यवाही
लखनऊ में अनलॉक डाउन में ट्रेनों के टिकटों की बढ़ी मांग ने जालसाजों को आपदा में अवसर दे दिया है। इन दिनों जालसाजों ने भारतीय रेलवे खानपान व पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट में सेंध लगाने के लिए आठ प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बनाया है।
लखनऊ [निशांत यादव]। अनलॉक डाउन में ट्रेनों के टिकटों की बढ़ी मांग ने जालसाजों को आपदा में अवसर दे दिया है। इन दिनों जालसाजों ने भारतीय रेलवे खानपान व पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट में सेंध लगाने के लिए आठ प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बनाया है। इन सॉफ्टवेयर को अवैध रूप से बेचने से लेकर उनको इस्तेमाल करने का चलन लखनऊ में तेजी से बढ़ा है।
लखनऊ में सॉफ्टवेयर को बेचने वाले सुपरसेलर के पकड़े जाने के बाद अब यूट्यूब पर इनकी बिक्री करने वालो का भी पता चला है। पिछले एक महीने में इन सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के 42 मामले सामने आए हैं। जिनमे अधिकांश लखनऊ के है। दरअसल अब तक पूर्वांचल के कई जिलों में इन सॉफ्टवेयर का अधिक इस्तेमाल हो रहा था। पहने प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर मुम्बई और अहमदाबाद से 25 हजार रुपए में खरीदे जाते थे। रेलवे अधिकारियों के होश पिछले दिनों उस समय उड़ गए जब पहली बार लखनऊ से नए सॉफ्टवेयर का सुपर सेलर गिरफ़्तार किया गया। । उनके साथ कोलकाता से सॉफ्टवेयर बेचने वाले सुपरसेलर व सात एजेंट सहित कुल 18 दलालों का पता चला है। हालांकि अभी ये दलाल पकड़ से दूर हैं।
अब आरपीएफ को यूट्यूब पर सक्रिय एक सिंडिकेट का पता चला है। जो प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर मोबाइल और लैपटॉप पर इंस्टॉल करता है। व्हाट्सअप पर सम्पर्क कर लेनदेन ऑनलाइन हो रहा है। आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नए प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की मुख्य कड़ी लखनऊ में है। आईआरसीटीसी की कई पर्सनल आईडी पर नजर रखी जा रही है। ये सॉफ्टवेयर आईआरसीटीसी की वेबसाइट के एप्लिकेशन खोलकर यात्री, बैंक का विवरण पहले ही भर देते हैं। कैप्चा भी बाईपास हो जाता है।
ये हैं इस समय चलन में मुख्य सॉफ्टवेयर
रेडमिर्ची के खात्मे के बाद नए रेड मैंगो व वोल्टी सॉफ्टवेयर को विकसित किया गया है। इसके अलावा 42, तत्काल प्लस, तत्काल प्रो, रियल मैंगो, तत्काल सुपरफास्ट और ब्लैक हिट प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर भी सेंध लगा रहे हैं।