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आपका खाज परिवार के लिए है खतरा, 25 हफ्ते तक अंडर गारमेंट्स में जिंदा रह सकता है फंगल, ऐसे करें बचाव

ठंड में लखनऊ में त्वचा रोगियों की संख्या में इजाफा। बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी त्वचा रोगियों से फुल चल रही है। दाद खाज फंगल और खुजली की समस्‍या से लोग परेशान हैं। ऐसे में बलरामपुर अस्पताल ने खुद को बचाने के उपाय भी बताए।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 01:57 AM (IST)
आपका खाज परिवार के लिए है खतरा, 25 हफ्ते तक अंडर गारमेंट्स में जिंदा रह सकता है फंगल, ऐसे करें बचाव
लखनऊ में त्वचा रोगियों की संख्या में इजाफा। बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी त्वचा रोगियों से फुल चल रही है।

लखनऊ, जेएनएन। भले ही सर्दी के सितम अभी अपने असली रूप में नहीं आएं हो, लेकिन इस मौसम में होने वाली त्वचा संबंधी बीमारियों व अन्य त्वचा रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी त्वचा रोगियों से बिल्कुल फुल चल रही है। सोमवार को भी ओपीडी में दिखाने के लिए त्वचा रोगियों की लंबी लाइन लगी रही। देर तक लोग पर्चा बनवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। हालांकि, कोरोना प्रतिबंधों के तहत रोजाना सिर्फ 200 रोगी ही ओपीडी में देखे जा रहे हैं। लिहाजा 200 पर्चा बनने के बाद काउंटर बंद कर दिया गया। इससे बाकी मरीज लौट गए।

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बलरामपुर के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ एमएच उस्मानी ने बताया कि इन दिनों 50 फीसद मरीज सिर्फ फंगस इंफेक्शन के आ रहे हैं। 200 रोगियों को रोजाना देखा जा रहा है। इनमें से करीब 100 मरीज दाद, खाज और खुजली की समस्या से ग्रस्त हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद स्केबीज व अन्य क्रॉनिक बीमारियों (सफेद दाग, स्किन सोरायसिस, सेनाइल पोरोराइटिस इकथायोसिस वल्गैरिस) से पीड़ित लोग भी पहुंच रहे हैं। कुछ मरीजों की सर्दी की वजह से हाथ पैर की उंगलियों में सूजन व लाली आ जाती है। कभी-कभी उंगलियां लाल की जगह नीली भी पड़ जाती हैं। उनमें खुजली भी होती है। 

त्वचा के रोगी ऐसे करें बचाव

डॉ. एमएच उस्मानी ने बताया कि जिन रोगियों को सर्दी की वजह से उंगलियों में सूजन, लाली या नीलापन है, वह हाथ में ग्लब्स व पैर में जुराब पहनें। कामकाजी महिलाएं जो ऐसा नहीं कर पाती हैं, उन्हें गुनगुने पानी से दिन में तीन बार हाथ-पैर की उंगलियों की सेंकाई पांच मिनट तक करनी चाहिए। साथ ही नहाने के बाद पूरे शरीर में नारियल का तेल या मॉइश्चराइजर लगाने से भी त्वचा रोग नहीं पनपते हैं। जिनकी त्वचा रूखी हो जाए उन्हें भी मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए। बूढ़े लोगों में शरीर की खाल में रूखापन बढ़ने से खुजली होती है। ऐसे सभी मरीजों के लिए सरकारी अस्पताल में दवा उपलब्ध है। उन्हें मॉइश्चराइजर या नारियल तेल का इस्तेमाल भी करना चाहिए।

अंडर गारमेंट्स में 25 हफ्ते तक जिंदा रह सकता है फंगल 

डॉ. उस्मानी कहते हैं की जिन्हें दाद खुजली की समस्या है, उन्हें अपने अंडर गारमेंट्स को गर्म पानी में 45 मिनट तक भिगोने के बाद ही धुलना चाहिए और उसे फिर तीन दिनों तक धूप में सुखाना चाहिए। इसके साथ ही अपने तौलिए और अंडर गारमेंट्स का इस्तेमाल किसी दूसरे को नहीं करने देना चाहिए।

एक को हुआ स्केबीज तो पूरे परिवार को कराना पड़ेगा इलाज

डॉ. उस्मानी बताते हैं कि खाज (स्केबीज) के मामले भी ज्यादा आ रहे हैं, जिसमें शरीर में लाल दाने निकल आते हैं। यह माइट (घुन) की वजह से होता है। इसमें रात में ज्यादा खुजली होती है। इसे खुजली रोग भी कहते हैं। यह बीमारी होने पर पूरे परिवार को एक साथ इलाज कराना पड़ता है। भले ही बीमारी किसी एक को हुई हो।


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