COVID-19 Effect: लखनऊ में एलडीए के सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग निरस्त, करोड़ों का नुकसान
राजधानी लखनऊ में छोटे बड़े मिलाकर डेढ़ दर्जन सामुदायिक केंद्रों से प्राधिकरण को करोड़ों की आय होनी थी शादियां निरस्त हो गई अब रिफंड करना पड़ रहा है। लीज होल्डरों ने भी कमाई न होने से पैसा जमा नहीं किया है।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा को तीन माह में सामुदायिक केंद्रों से होने वाली आय शून्य हो गई है। राजधानी में छोटे बड़े मिलाकर डेढ़ दर्जन सामुदायिक केंद्रों से प्राधिकरण को करोड़ों की आय होनी थी, शादियां निरस्त हो गई, अब रिफंड करना पड़ रहा है। यही नहीं गोमती नगर, जानकीपुरम स्थित सामुदायिक केंद्र लीज पर प्राधिकरण ने दिए थे, इनके लीज होल्डरों ने भी कमाई न होने से पैसा जमा नहीं किया है। इससे प्राधिकरण को आर्थिक चोट का सामना करना पड़ रहा है। सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार ने बताया कि अप्रैल से मई के बीच में बुकिंग सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग 99 फीसद निरस्त हो चुकी हैं। दो चार लोगों ने कोविड 19 के तहत ही अपने कार्यक्रम किए हैं।
लविप्रा का सबसे प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक दिन में तीन से चार दिन कार्यक्रम होते थे, इससे प्रतिष्ठान को लाखों की कमाई एक दिन में होती थी। यही नहीं सरकारी कार्यक्रम में पूरा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान बुक होने पर करोड़ों रुपये आते थे। अब कोरोना के कारण बंद होने से कई करोड़ का नुकसान सिर्फ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान से लविप्रा को हुआ है। गोमती नगर, अलीगंज, जानकीपुर, कानपुर रोड स्थित सामुदायिक केंद्र की बुकिंग निरस्त होने से लीज होल्डर भी लविप्रा से अतिरिक्त समय मांग रहे हैं। लविप्रा के सचिव पवन कुमार गंगवार के मुताबिक मई के बाद जून व जुलाई माह की बुकिंग निरस्त करवाने के लिए संबंधित अभियंता के पास लोग पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि नवंबर व दिसंबर माह में बुकिंग अभी तक निरस्त नहीं हुई है।
बुकिंग निरस्त कराने पर क्या है नियम
- आयोजन तिथि से तीस दिन पहले : आरक्षण शुल्क का 30 प्रतिशत पैसा कटेगा
- आयोजन तिथि से बीस दिन पहले : आरक्षण शुल्क का 40 प्रतिशत पैसा कटेगा
- आयोजन तिथि से 15 दिन पहले : आरक्षण शुल्क का 50 प्रतिशत पैसा कटेगा
- आयोजन तिथि से 10 दिन पहले : आरक्षण शुल्क का 60 प्रतिशत पैसा कटेगा
- आयोजन तिथि से सात दिन पहले : आरक्षण शुल्क का 100 फीसद पैसा कटेगा