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मनमानी फीस वृद्धि के लिए फी-रेगुलेटी कमेटी में करें शिकायत Lucknow News

दैनिक जागरण के कार्यक्रम प्रश्न पहर में जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने दिए अभिभावकों को सवालों के जवाब।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 07:33 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 07:43 AM (IST)
मनमानी फीस वृद्धि के लिए फी-रेगुलेटी कमेटी में करें शिकायत Lucknow News
मनमानी फीस वृद्धि के लिए फी-रेगुलेटी कमेटी में करें शिकायत Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। हर वर्ष स्कूलों में फीस बढ़ाए जाने को लेकर अभिभावक परेशान होते हैं। फीस के बोझ तले अभिभावकों की सबसे बड़ी समस्या है कि विद्यालय कभी मेंटीनेंस तो कभी अन्य मदों का हवाला देकर मोटी फीस वसूलते हैं। अगर उनसे फीस के बारे में पूछो तो वह इसकी जानकारी भी नहीं देते हैं। बुधवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में फीस वृद्धि को लेकर अभिभावकों के विभिन्न सवालों के जवाब जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने दिए। अभिभावकों ने फीस वृद्धि को लेकर अपनी समस्याएं उनसे साझा कीं और उन्होंने उनके निस्तारण के संबंध में जानकारी दी। 

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सवाल : कॉन्वेंट कॉलेजों की फीस का स्लैब बनना था, पर नहीं हो पाया। मेंटीनेंस के नाम पर 250-300 रुपये प्रति माह वसूले जाते हैं। 

आनंद कुमार, मुंशी पुलिया 

जवाब : इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में फी-रेगुलेटी कमेटी बनी है। आप पहले विद्यालय में इसकी शिकायत करें फिर कमेटी में लिखित दें। 

सवाल : सीएमएस महानगर में हर साल फीस तो बढ़ा दी जाती है पर उसके एवज में चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ता है। इस व्यवस्था के लिए शिक्षा विभाग क्या कर रहा है।    - अरुण कुमार, डालीगंज 

जवाब : अगर आपको संस्थान से वेतन संबंधित शिकायत है तो इसके लिए श्रम विभाग है। आप श्रम विभाग में जाकर इसकी शिकायत करें तत्काल आपकी सुनवाई होगी। 

सवाल : मैंने बच्चे का दाखिला बीते फरवरी माह में सेंट डॉमिनिक स्कूल इंदिरानगर में कराया था। 15 हजार रुपये फीस जमा की थी, पर विद्यालय घर से अधिक दूर था। इसलिए फिर दूसरे विद्यालय में बच्चे का दाखिला कराया अब सेंट डॉमिनिक विद्यालय प्रबंधन फीस वापस नहीं कर रहा है।

- स्वेता बाजपेयी, इंदिरानगर  

जवाब : आपके द्वारा स्वेच्छा से दूसरे विद्यालय में बच्चे का प्रवेश कराया गया है। आपने दाखिले के समय अपनी मर्जी से पहले विद्यालय में फीस दी थी। इसके लिए आप खुद जिम्मेदार हैं। अगर आपको फिर भी दिक्कत है तो लिखित में उसकी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय अथवा फी-रेगुलेटी कमेटी में शिकायत करें। इस संबंध में विद्यालय से पूछताछ की जाएगी। 

सवाल : सीएमएस में हर साल ट्यूशन फीस बढ़ाकर मोटी रकम वसूली जाती है। इस बार फिर बढ़ा दी गई। 

- मालिनी सिंह, चिनहट

जवाब : नियमावली के अनुसार हर साल पांच फीसद + सीपीआइ (कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स) के अनुसार फीस वृद्धि कर सकते हैं। इसके मानकों से अधिक नहीं। 

सवाल : सीएमएस में मेंटीनेंस के फीस के साथ ही हर साल 10 अलग-अलग मदों में मोटी फीस वसूली जाती है। ऐसा क्यों होता है। सरकार के लाख दावों के बाद भी प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी ही करते हैं। 

- आशीष खरे, इंदिरानगर

जवाब : अगर आपको लग रहा है कि विद्यालय ज्यादा फीस वसूल रहा है तो उसके लिए पहले अप्लीकेशन देकर विद्यालय से इस संबंध में पूछें। अगर विद्यालय न जानकारी दे तो फी-रेगुलेटी कमेटी से शिकायत करें। तत्काल मामले की जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

सवाल : कॉन्वेंट स्कूलों में फीस हर साल आठ से 10 फीसद बढ़ाते रहते हैं। इसमें सरकार को लगाम लगानी चाहिए।

 - राज, इंदिरानगर 

जवाब : हर साल पांच फीसद + सीपीआइ के अनुसार फीस बढ़ाने के  नियम है। इससे अधिक विद्यालय फीस नहीं बढ़ा सकता है। अगर विद्यालय इससे अधिक फीस बढ़ा रहा है तो आप शिकायत करें कार्रवाई की जाएगी। 

सवाल : प्राइवेट स्कूलों में फीस हर साल बढ़ाते ही हैं। इसके अलावा आए दिन किसी न किसी बहाने रुपयों की मांग करते रहते हैं। 

- मृत्युंजय सिंह, ऐशबाग 

जवाब : स्कूल प्रबंधन फीस की वृद्धि मानकों के अनुरूप ही कर सकता है। इसके अलावा नहीं। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि विद्यालय अधिक फीस ले रहा है तो इस सबंध में तत्काल पूछताछ करें और जिलाधिकारी अथवा जिला विद्यालय निरीक्षक के यहां शिकायत करें। 

सवाल : कॉन्वेंट स्कूल प्रति माह चार से पांच हजार रुपये फीस वसूलते हैं। इसके अलावा गर्मी की छुïिट्टयों के दौरान स्कूल बंद होने पर भी तीन माह की एक साथ फीस लेते हैं।

- आशीष अवस्थी, रकाबगंज 

जवाब : प्राइवेट स्कूल पूरे साल की फीस लेते हैं। वह मानकों से अलग फीस नहीं वसूल सकते हैं। इस संबंध में आप उनसे पूछताछ कर सकते हैं। अगर उत्तर न मिले तो कार्रवाई के लिए फी-रेगुलेटी कमेटी की मदद लें। 

क्या है फी रेगुलेटी कमेटी, कैसे करें शिकायत 

फी-रेगुलेटी कमेटी का गठन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किया गया है। कमेटी में एक अभिभावक, एक सीए, स्कूल मैनेजमेंट, पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर, डीआइओएस (सेक्रेटी) होते हैं। अगर अभिभावक को लग रहा है कि विद्यालय फीस अधिक वसूल रहा है तो वह पहले विद्यालय प्रबंधन को प्रार्थनापत्र देकर पूछताछ करें। विद्यालय को 15 दिन में अभिभावकों के प्रश्न का उत्तर देना होगा। अगर विद्यालय न दे अथवा उनके दिए गए उत्तर से संतुष्ट नहीं हैं तो फी-रेगुलेटी कमेटी से शिकायत करें। कमेटी द्वारा विद्यालय से पूछताछ कर कार्रवाई की जाएगी।


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