Lockdown in UP : यदि आप या आपके परिचित सड़क पर फंसे हैं तो इस नंबर पर करें वाट्सएप
Lockdown in UP एडीजी असीम अरुण ने बताया कि कई लोग सड़कों-हाईवे पर हैं उनकी मदद के लिए वाट्सएप की भी सुविधा होगी।
लखनऊ, जेएनएन। Lockdown in UP : उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान यदि आप या आपके कोई परिचित सड़क पर पैदल यात्रा कर रहे हैं या फिर कहीं फंस गए हैं तो मदद के लिए पुलिस को 7570000100 नंबर पर वाट्सएप करें। पुलिस आपकी सहायता करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 112 ने यह पहल की है। एडीजी असीम अरुण ने बताया कि कई लोग सड़कों-हाईवे पर हैं, उनकी मदद के लिए वाट्सएप की भी सुविधा होगी। ऐसे लोग 112 पर कॉल कर अथवा वाट्सएप मैसेज के जरिए पुलिस की मदद मांग सकते हैं। 112 पर बढ़ते कॉल के दबाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। वाट्सएप पर मदद मांगने के लिए आप सबसे पहले अपना नाम और फिर मोबाइल नंबर लिखें। इसके बाद कहां फंसे हैं। कहां से आएं हैं और कहां जाना है, इसकी सूचना दें।
संक्रमण रोकने को मोबाइल यूनिट
यूपी में संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू )भी लगाई गई हैं। इन एमएमयू मे तैनात डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को सीएमओ के निर्देशन में स्थापित कंट्रोल रूम में स्पेशल ड्यूटी पर लगाया गया है। इसी के साथ यह थर्मल स्कैनिंग, अलग-अलग जगहों पर जाकर कोरोना संदिग्ध मरीजों की पहचान करना, सीएचसी-पीएचसी पर तैनाती, आइसोलेशन वार्ड में देखरेख और नाइट शिफ्ट में ड्यूटी, जागरूकता अभियान में भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रयागराज और रायबरेली में कंट्रोल रूम में नाइट शिफ्ट में कार्य किया जा रहा है। शामली में रात आठ से सुबह नौ बजे तक आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी दी जा रही है। कन्नौज में एमएमयू टीम कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध मरीज की थर्मल स्कैनिंग से पहचान कर रहे हैं।
कोरोना से जागरूकता को आगे आए शिक्षक व प्रबंधक संघ
कोरोना वायरस के संक्रमण को बढऩे से रोकने के लिए शिक्षक व प्रबंधक संघ विद्यार्थियों को जागरूक कर रहे हैं और कई निजी शिक्षण संस्थानों ने राहत और बचाव कार्य के लिए अपना परिसर देने की पेशकश की है। उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि विद्यार्थी खुद सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के साथ दूसरों को भी प्रेरित करें। हॉस्टल में रह रहे विद्यार्थियों की देखभाल विश्वविद्यालय और कालेज करें। शिक्षक स्वेच्छा से आगे बढ़कर इन विद्यार्थियों के खाने-पीने सहित अन्य मदद को आगे आएं।