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Coronairus Lockdown : औरैया हादसे के बाद पाबंदी के साथ बढ़ी चुनौती, प्रबंध में जुटी यूपी सरकार

Coronairus Lockdown रविवार को झांसी सहारनपुर और मथुरा में प्रवासी कामगार और श्रमिकों ने रोके जाने पर हंगामा किया। हालात बिगड़ने पर पुलिस को लाठियां तक भांजनी पड़ीं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 07:20 AM (IST)
Coronairus Lockdown : औरैया हादसे के बाद पाबंदी के साथ बढ़ी चुनौती, प्रबंध में जुटी यूपी सरकार
Coronairus Lockdown : औरैया हादसे के बाद पाबंदी के साथ बढ़ी चुनौती, प्रबंध में जुटी यूपी सरकार

लखनऊ, जेएनएन। Coronairus Lockdown : उत्तर प्रदेश में कोरोना की जंग में प्रवासी मजदूरों की वापसी के दौरान हो रही अव्यवस्था लगातार व्यवस्था की परीक्षा ले रही है। औरैया की घटना के बाद यूपी की योगी सरकार ने पैदल, दोपहिया और ट्रक-टेंपो से श्रमिक-कामगारों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसका असर यह हुआ कि सख्ती लागू होते ही मुश्किल भी शुरू हो गई। रविवार को झांसी, सहारनपुर और मथुरा में प्रवासी कामगार और श्रमिकों ने रोके जाने पर हंगामा किया। हालात बिगड़ने पर पुलिस को लाठियां तक भांजनी पड़ीं।

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डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि प्रवासी कामगारों को लगातार यह बताया जा रहा था कि उन्हें उनके गंतव्य तक बस व ट्रेन से निश्शुल्क पहुंचाया जाएगा। पैदल, दोपहिया या ट्रक-टेंपो से किसी को जाने की अनुमति नहीं है। सबकी सुरिक्षत यात्रा के लिए बस की व्यवस्था की जा रही है। डीजीपी का कहना है कि झांसी में पहले से वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। प्रवासी कामगारों को समझाया जा रहा था, लेकिन अचानक ट्रक को बैरियर पर चढ़ा दिया गया। ऐसी स्थिति में पुलिस को सख्ती करनी पड़ी।

डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि प्रवासी कामगारों की तकलीफों को देखकर उनकी हर मदद की जा रही है। साथ ही उनकी सुरक्षा के पहलुओं को भी देखा जा रहा है। कानून-व्यवस्था की दृष्टि से बॉर्डर पर पर्याप्त पुलिस बल लगा है। रिजर्व में पीएसी भी मौजूद है। पुलिसकर्मियों को प्रवासी कामगारों से पूरी नरमी से पेश आने के कड़े निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि श्रमिक-कामगारों के लिए पर्याप्त बसों की व्यवस्था करने के लिए ही मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में दो सौ अतिरिक्त बसें लगाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। भोजन-पानी व स्वास्थ्य परीक्षण की भी जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन को दी गई है।

डंडे लेकर हाईवे पर उतरे कामगार, जाम और हंगामा

देश के विभिन्न प्रांतों से घरवापसी के दौरान प्रदेश में ठहराए गए श्रमिकों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। रविवार को सहारनपुर में ऐसे ही कामगार हाइवे पर डंडे लेकर उतर आए और वाहनों में तोड़फोड़ की। सहारनपुर में राधा स्वामी सत्संग व्यास मेजर सेंटर, पिलखनी आश्रय स्थल में कई राज्यों के प्रवासी कामगारों को ठहराए गए हैं। इन्हें क्रमवार उनके गृह जिले में भेजा जा रहा है। बिहार के हजारों कामगारों को ट्रेनों से बिहार भेजा जा चुका है, लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी यहां रुके हुए हैं।

रविवार सुबह किसी ने डेरे में रखे माइक से एलान कर दिया कि अब उनके लिए ट्रेन की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे आक्रोशित कामगारों ने अपने सामान के साथ सुबह करीब सात बजे डेरे से पैदल ही बिहार जाने के लिए कूच कर दिया। देखते ही करीब चार हजार कामगारों का रेला सड़क पर आ गया और बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगा। इससे सहारनपुर-अंबाला हाईवे पर जाम लग गया। कामगारों का कहना था कि बिहार सरकार बाहर फंसे लोगों पर ध्यान नहीं दे रही है। बाद में सभी को बसों से बिहार बार्डर तक भेजने की व्यवस्था की गई।

मथुरा में हाईवे पर सामान रखकर आग लगाई

मथुरा में हरदयाल कालेज में ठहराए गए श्रमिक भी वाहनों के इंतजार में भड़क गए। उन्होंने कूड़ा करकट, कपड़े और कुछ अन्य सामानों को हाईवे के बीच में रखकर उनमें आग लगा दी। इससे करीब एक घंटे तक यातायात ठप रहा। कालेज में ठहराए गए श्रमिकों में कुछ को बसों से रात में ही भेज दिया गया था। अन्य के लिए वाहन का इंतजाम किया जा रहा था। लेकिन, रविवार सुबह छह बजे मजदूरों का धैर्य जवाब दे गया। बच्चों और महिलाओं के साथ मजदूर हाईवे पर आ गए। बाद में पुलिस अधिकारियों ने उन्हेंं खाली वाहनों से बैठाकर रवाना किया।

झांसी में श्रमिकों पर बल प्रयोग

झांसी में रक्सा (उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा) से महाराष्ट्र, गुजरात के हजारों श्रमिक प्रतिदिन अपने घरों की ओर वापस जा रहे हैं। शनिवार आधी रात के बाद रक्सा बॉर्डर पर वाहनों को रोक दिया गया। इससे मध्य प्रदेश के सिकन्दरा गांव की ओर ट्रकों की लम्बी कतार लग गई। पहले तो श्रमिक इंतजार करते रहे, लेकिन जब सुबह तक रास्ता नहीं मिला तो उनका सब्र टूटने लगा। भूखे-प्यासे श्रमिक बॉर्डर पर इकट्ठे हो गए और बैरिकेड को हटाने की जिद करते हुए उन्हें धकेलना शुरू कर दिया। भीड़ बढ़ती देख पुलिस ने लाठियां फटकारीं तो श्रमिकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। अफरा-तफरी का माहौल बनने से पहले ही पुलिस ने बैरिकेड हटा दिए और ट्रक व वाहनों को रवाना कर दिया। सुबह लगभग 9 बजे तक सभी ट्रक बॉर्डर पार कर गए, जिससे स्थिति सामान्य हो सकी।


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