यूपी के 71 जिलों में कोरोना के 50 से कम रोगी, देश में सक्रिय केस के मामले में 20वें नंबर पर है प्रदेश
यूपी में संक्रमण काफी हद तक नियंत्रण में है। ऐसे में दूसरे राज्यों महाराष्ट्र केरल व तमिलनाडु आदि से आ रहे यात्रियों के कारण दोबारा कोरोना न फैले इसके लिए जल्द सख्त इंतजाम होंगे। अब तक कुल 6.18 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। यूपी के 71 जिलों में अब कोरोना के 50 से कम रोगी हैं। इसमें से 38 जिलों में 10 से भी कम मरीज हैं। सक्रिय केस के मामले में प्रदेश अब देश में 20वें नंबर पर है। यहां सक्रिय केस 1339 रह गए हैं। सर्वाधिक आबादी होने के बावजूद यूपी में कोरोना काफी नियंत्रण में है। दूसरे राज्यों के मुकाबले यहां स्थिति बेहतर है। वर्तमान में केरल में 1.19 लाख, महाराष्ट्र में 1.07 लाख, कर्नाटक में 32,383 और तमिलनाडु में 29,950 रोगी हैं। शुक्रवार को प्रदेश में कोरोना के 88 नए रोगी मिले। ललितपुर दोबारा संक्रमण मुक्त हो गया है, जबकि अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, महोबा व श्रावस्ती पहले से ही कोरोना मुक्त हो चुके हैं। बीते 24 घंटे में 2.60 लाख लोगों की कोरोना जांच की गई। अब तक कुल 6.18 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है। अब पाजिटिविटी रेट 0.03 प्रतिशत है।
दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों के लिए जल्द नया प्रोटोकाल
यूपी में संक्रमण काफी हद तक नियंत्रण में है। ऐसे में दूसरे राज्यों महाराष्ट्र, केरल व तमिलनाडु आदि से आ रहे यात्रियों के कारण दोबारा कोरोना न फैले, इसके लिए जल्द सख्त इंतजाम होंगे। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि हवाई अड्डों तथा बस व रेलवे स्टेशनों पर जल्द नया प्रोटोकाल लागू होगा। संक्रमित होने पर लोगों को आइसोलेट किया जाएगा।
लखनऊ में बढ़ रहे मामले
कोरोना संक्रमण को लेकर सरकारी निर्देशों में मिली छूट का लोगों ने नाजायज फायदा उठाना शुरू कर दिया है। लोग बिना मास्क और शारीरिक दूरी को भूल कर घूम रहे हैं। इसी का नतीजा अब फिर से कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से हो रहे इजाफे के रूप में देखने को मिल रहा। लखनऊ में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण की चपेट में आए लोगों की संख्या 18 दर्ज की गई। वहीं कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या भी 121 रही। राहत की बात है कि कोरोना से मौत के मामले अभी सामने नहीं आए। मगर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लोगों की ओर से बरती जा रही लापरवाही के कारण मौजूदा हालात पर डाक्टरों ने भी चिंता जताई है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा जारी प्रोटोकाल का गंभीरतापूर्वक पालन नहीं किया गया तो कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।