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लखनऊ में चार माह से था Leopard का आतंक, पकड़ने में नाकाम रहा वन व‍िभाग; सड़क हादसे में मौत

बंथरा अनुसंधान केंद्र के चहारदीवारी के ऊपर अंदपुर गांव के कुछ लड़कों ने उसे देखा था। इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग के लोगों को भी दी गई थी। शुरुआत में वन विभाग के लोग बिल्ली या फिर कोई और जानवर होने की बात कह रहे थे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 05:29 PM (IST)
लखनऊ में चार माह से था Leopard का आतंक, पकड़ने में नाकाम रहा वन व‍िभाग; सड़क हादसे में मौत
तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राणी उद्यान केंद्र भेजा गया है।

लखनऊ, जेएनएन। पिछले चार माह से जो तेंदुआ बंथरा के वनस्पति अनुसंधान केंद्र के परिसर और इसके आसपास घूम रहा था शुक्रवार को वो सड़क हादसे में मारा गया। उसका शव बंथरा थाने से करीब सौ मीटर दूर स्थित अनुसंधान केंद्र के मुख्य गेट के पास जख्मी हालत में मिला है। इलाकाई वनाधिकारियों अभिषेक सिंह का कहना है कि किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मारी है।  फिलहाल घटना की जानकारी होने पर बंथरा थाने की पुलिस के साथ वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राणी उद्यान केंद्र भेजा गया है। बता दें कि तेंदुए ने करीब चार माह पहले इस इलाके में दस्तक दी थी।

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बंथरा अनुसंधान केंद्र के चहारदीवारी के ऊपर अंदपुर गांव के कुछ लड़कों ने उसे  देखा था। इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग के लोगों को भी दी गई थी। शुरुआत में वन विभाग के लोग बिल्ली या फिर कोई और जानवर होने की बात कह रहे थे।  एक बार फिर जब उसे अनुसंधान केंद्र के गार्डों ने देखा और वन विभाग की टीम केंद्र पहुंची तो परिसर के अंदर तेंदुए के पदचिन्ह मिले तब इलाके में तेंदुए की मौजूदगी पर यकीन हुआ।  इसके बाद से वन व‍िभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए हाथ पैर मरती रही पर उसे कोई सफलता नहीं मिली। तेंदुआ अनुसंधान केंद्र और इसके आसपास क्षेत्र में लगातार भ्रमण करता रहा। इसे लेकर यहां इलाके के लोगों में काफी दहशत भी रही। वन विभाग की उदासीनता के चलते आखिरकार तेंदुआ एक बार फिर अनुसंधान केंद्र के परिसर के बाहर सड़क पर आ गया और वह हादसे का शिकार हो गया। 

सड़क किनारे करीब 50 मीटर दूरी तक मिले पग चिन्ह

लखनऊ से कानपुर वाले जिस छोर पर तेंदुए का शव मिला है उस सड़क किनारे मिट्टी में करीब 50 मीटर दूरी तक उसके पदचिन्ह भी दिखाई दिए। जिसे देखकर यह लग रहा था कि अनुसंधान केंद्र से बाहर आया तेंदुआ वापस अंदर जाना चाहता था। तेंदुए को पोस्‍‍‍टमार्टम के ल‍िए लखनऊ के च‍िड़ि‍याघर भेजा गया है। 


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