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जानकारी के खजानों से होगी भरी LDA की वेबसाइट, हैकर नहीं कर सकेंगे Hack; जानिए क्‍या होगा खास

लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) की वेबसाइट आधुनिक होने के साथ ही हैकरों से सुरक्षित होगी। शहर में नजूल की जमीनें इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट व गार्डन लीज की जमीनों की समग्र जानकारी मौजूद होगी। कुल मिलाकर लविप्रा की नई वेबसाइट जानकारी के खजानों से भरी होगी।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 11:34 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 11:34 AM (IST)
जानकारी के खजानों से होगी भरी LDA की वेबसाइट, हैकर नहीं कर सकेंगे Hack; जानिए क्‍या होगा खास
एलडीए की वेबसाइट में नजूल की जमीन से लेकर गार्डन लीज की होगी जानकारी।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) की वेबसाइट आधुनिक होने के साथ ही हैकरों से सुरक्षित होगी। शहर में नजूल की जमीनें, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट व गार्डन लीज की जमीनों की समग्र जानकारी होगी। लविप्रा ने किसकों भूखंड बेचा और संबंधित व्यक्ति ने उसे कितनी बार बेचा, इसका भी ब्योरा साइट पर उपलब्ध कराने का प्रयास होगा। यही नहीं योजना कितने एकड़ की है, किस सेक्टर में कितने भूखंड आवासीय, वाणिज्य व मिश्रित भू उपयोग के हैं। नामांतरण, भूखंड के एवज में जमा हुई राशि संबंधित आवंटी व अफसर देख सकेंगे। कुल मिलाकर लविप्रा की नई वेबसाइट जानकारी के खजानों से भरी होगी। इसको हैकर हैक न कर सके, इसका भी इंतजाम किया जाएगा। इसको लेकर एक नई कंपनी ने सचिव लविप्रा व कंप्यूटर सेल से जुड़ अफसरों के समक्ष अपना प्रजेंटेशन दिया। 

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लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि आवंटी व प्राधिकरण के बीच जो संवादहीनता अभी बची है, उसे दूर करने का प्रयास है। कोशिश की जा रही है कि आवंटी अपने घर से ही लविप्रा से जुड़ी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सके। अगर वह शिकायत करता है तो उसका  कोड नंबर आवंटित हो और वह समय-समय पर अपनी शिकायत की प्रगति रिपोर्ट जान सके। उन्होंने बताया कि नक्शा आनलाइन हो ही रहा है। टेंडर, नीलामी की प्रकिया ऑनलाइन हो रही हैं। म्यूटेशन ऑनलाइन हो रहा है। अब किस योजना में कौन सा भूखंड नहीं बिका या  निरस्त हुआ, उसकी भी जानकारी रहेगी। उदाहरण के तौर पर रेलवे की वेबसाइट पर अगर कोई यात्री यात्रा रद्द करता है तो खाली बर्थ कोई भी यात्री कही भी बैठकर देख सकता है।उसी तरह करने का काम किया जा रहा है। 

संपत्तियों में न हो सके छेड़छाड़, इसका होगा इंतजाम 

लविप्रा प्रयास कर रहा है कि अब कोई कर्मचारी या कंप्यूटर सेल का प्रभारी किसी संपत्ति का ब्योरा न भर सके। इसके लिए फूल प्रूफ व्यवस्था हो। इसलिए अब एक कमेटी भी बनाई जा सकती है। जो संपत्तियों का ब्योरा दर्ज करने के लिए पड़ताल करके सहमति दे और फिर उनका सत्यापन हो। इससे लखनऊ विकास प्राधिकरण की संपत्तियों में हेराफेरी नहीं हो सकेगी और छवि धूमिल भी नहीं होगी। 


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