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LDA के कंप्यूटरों में नहीं हो सकेगा भूखंडों का घोटाला, साइबर सिक्योरिटी से होगी फूल प्रूफ व्यवस्था

अब लखनऊ विकास प्राधिकरण में किसी का भूखंड किसी के नाम नहीं हो सकेगा। अब नया आवंटन होगा समायोजन (एक स्थान से दूसरे स्थान पर भूखंड देना) या फिर भूखंडों में नाम परिवर्तन। यह सब साइबर सिक्यूरिटी के साथ ऑन रिकार्ड होगा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 01:40 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 08:08 AM (IST)
LDA के कंप्यूटरों में नहीं हो सकेगा भूखंडों का घोटाला, साइबर सिक्योरिटी से होगी फूल प्रूफ व्यवस्था
एलडीए में नई व्यवस्था लागू, नया आवंटन, समायोजन व नाम परिवर्तन की जानकारी वीसी से लेकर सचिव तक होगी।

लखनऊ [अंशू दीक्षित]। अब लखनऊ विकास प्राधिकरण में किसी का भूखंड किसी के नाम नहीं हो सकेगा। अब नया आवंटन होगा, समायोजन (एक स्थान से दूसरे स्थान पर भूखंड देना) या फिर भूखंडों में नाम परिवर्तन। यह सब साइबर सिक्यूरिटी के साथ ऑन रिकार्ड होगा। एक-एक भूखंड की सूचना योजना देख रहे अधिकारी को भेजने के साथ ही सचिव व उपाध्यक्ष को भेजी जाएगी। फिर इसकी जांच होगी कि जो नया आवंटन, समायोजन और नाम परिवर्तन की प्रकिया अपनाई गई है यह सही प्रकिया से हुई है या फिर खेल हुआ है। साइबर सिक्यूरिटी के क्षेत्र में यह कदम उठाया गया है। लविप्रा में 56 संपत्तियों का खेल नौ नवंबर 2020 से आज तक नहीं खुला और फिर पांच सौ भूखंडाें में नाम परिवर्तन का राज आज तक राज बना हुआ है।

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सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार ने बताया कि साइबर सिक्यूरिटी को और सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। प्रोग्रामर एनालिस्ट राघवेंद्र कुमार मिश्रा को यह निर्देश सचिव ने जारी किए हैं। नया भूखंड आवंटन करते समय पंजीकरण संख्या, आवंटी का नाम, आवंटन तिथि, आपरेटर का नाम, कंप्यूटर पर दर्ज की गई तिथि का उल्लेख करना होगा। समायोजन/परिवर्तन की सूचना में पांच चीजों का जिक्र किया गया है, इनमें पंजीकृत आवंटी का नाम, पुराने आवंटन का विवरण, समायोजित आवंटन का विवरण, आपरेटर का नाम और दर्ज तिथि होगी। इसके अलावा आवंटन के नाम में परिवर्तन की सूचना के समय भी पंजीकरण संख्या, पुराना दर्ज नाम, नया दर्ज नाम, आपरेटर का नाम और दर्ज तिथि का उल्लेख करना होगा। उन्होंने बताया कि पत्रावलियों का निरंतर सत्यापन होता रहे और एक पारदर्शी व्यवस्था लागू रहे, इसके लिए योजनावार सूचनाएं मासिक रूप से संबंधित प्रभारी अधिकारी संपत्ति श्रेणी दो को उपलब्ध कराया जाएगा।

लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि डेटा से छेड़छाड़ न हो उसके लिया यह सब किया गया है। क्योंकि कही न कही चूक से पूर्व में पत्रावलियां गायब हुई है। साइबर सिक्यूरिटी पहले से बेहतर होगी। जवाबदेही के साथ आवंटन, नाम परिवर्तन व समायोजन होने के बाद हर फाइल का सत्यापन होगा और संबंधित बाबू से लेकर अफसरों के हस्ताक्षर कराकर फाइलें रखी जाएगी।


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