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सीएम की दखलंदाजी पर निलंबित हुआ एलडीए का बाबू, मृतक आश्रितों को नौकरी के देय भुगतान पर होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ विकास प्राधिकरण समेत अन्य विभागों में भी मृतक आश्रितों को नौकरी और देय भुगतान तत्काल देने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं अब बिना ठोस कारण फाइल लंबित करने वाले कर्मचारी व अधिकारी पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 11:15 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 01:21 PM (IST)
सीएम की दखलंदाजी पर निलंबित हुआ एलडीए का बाबू, मृतक आश्रितों को नौकरी के देय भुगतान पर होगी कार्रवाई
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को मामले की आख्या भेजी।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में मृतक कर्मचारियों व अभियंताओं की फाइल रोकने वाले अब बचेंगे नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ लखनऊ विकास प्राधिकरण बल्कि अन्य विभागों में भी मृतक आश्रितों को नौकरी और देय भुगतान तत्काल देने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं अब बिना ठोस कारण फाइल लंबित करने वाले कर्मचारी व अधिकारी पर कार्रवाई तय मानी  जा रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण में अभियंताओं के अध्यक्ष रहे नरेंद्र सिंह की चंद माह पहले मृत्यु हो गई थी, लेकिन उनके आश्रितों को लंबित भुगतान व नौकरी नहीं मिली। इसको संज्ञान लेते हुए सीएम ने जब हकीकत पता करने की बात कही तो लविप्रा के बाबू बलबीर सिंह  द्वारा फाइल रोकने की प्रथम दृष्टया बात सामने आई। डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बाबू  बलबीर सिंह को निलंबित करते हुए पूरे मामले की आख्या प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को भी भेज दी है। साथ ही मामले की जांच के लिए विशेष कार्याधिकारी राजीव कुमार को जिम्मेदारी सौंपी है। 

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लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में बलबीर सिंह द्वारा बेवजह फाइल रोकने की बात सामने आई है। इस संबंध में संबंधित बाबू अपने वरिष्ठों को फाइल रोकने का उचित कारण भी नहीं बता पाया। इसलिए अकाउंट सेक्शन में कार्यरत बाबू बलबीर सिंह पर कार्रवाई की गई है।  स्थानीय अभियंताओं के मुताबिक नरेंद्र के अलावा अन्य कर्मचारी व अभियंताओं के परिजन लविप्रा के चक्कर लगाने को विवश है। हर अनुभाग में फाइल जाकर डंप हो जाती है। संबंधित विभाग के अधिकारी कोई दिलचस्पी नहीं लेते। इसलिए एक सप्ताह में होने वाला काम महीनों में होता है। वहीं चंद दिनों पहले अवर अभियंता एसके अग्रवाल के बेटे ने भी अफसरों को फोन करके अपनी पीड़ा सुनाई थी। अग्रवाल के निधन बाद परिजन लविप्रा के चक्कर लगाने को विवश है। यह पीड़ा हर उस कर्मचारी की है जिसका कोविड के दौरान या उससे पहले बीमारी के कारण निधन हुआ है। 

लविप्रा के मृतक कर्मचारियों की सूची (एक अप्रैल से पांच मई 2021 के बीच) सहायक अभियंता राजेश सिंह अवर अभियंता ओम प्रकाश राय, राजेश कुमार राय, वरिष्ठ लिपिक ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, कनिष्ठ लिपिक संतोष गुप्ता, सत्येंद्र सिंह, ईला सिंह, विमलेंद्र त्रिवेदी, विद्युतकार बाबू लाल जायसवाल, बेलदार मदन, श्रीराम कश्यम और हेल्पर शरीफ अहमद हैं। 

डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि दोषी बाबू को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। मामले की आख्या प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के यहां भेज दी गई है। इसके अलावा जांच विशेष कायाZधिकारी राजीव कुमार को सौंपी गई है।

यूपी विकास प्राधिकरण कर्मचारी संयुक्त संघ के प्रांतीय अध्यक्ष,अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि लविप्रा के मृतक कर्मचारियों व अभियंताओं के आश्रितों को लंबित भुगतान तत्काल किया जाए। इसके अलावा आश्रितों को नौकरी व आर्थिक

सहायता भी प्रदान की जाए, क्योंकि बारह कर्मचारी कोरोना में ड्यूटी के दौरान निधन हुआ है।


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