Dussehra 2020: दशहरे के दिन लक्ष्मण नगरी में सजा रावण का दरबार, लंकेश ने की पूजा
Dussehra 2020 चौक के रानी कटरा के चारोधाम मंदिर में 125 साल पहले हुआ था निर्माण। चारों धाम मंदिर का निर्माण कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल ठेकेदार ने कराया था। 42 साल से लंकेश कर रहे रावण का रोल। रामलीला ने करायी थी लंकेश की शादी।
लखनऊ, जेएनएन। Dussehra 2020: तहजीब के शहर-ए-लखनऊ का हर रंग निराला है। गंगा जमुनी तहजीब को अपने आंचल में छिपाए इस शहर में पहले आप की सदियों पुरानी तहजीब वर्तमान में भी मुस्कुराती नजर आती है। दशहरे पर रविवार को घमंड और अन्याय के प्रतीक दशानन रावण के अंत से पहले विष्णु त्रिपाठी लंकेश ने रावण की पूजा की। चौक के रानी कटरा स्थति चारोधाम मंदिर परिसर में स्थापित रावण दरबार में दशहरे के दिन हर साल लंकेश मंदिर को सजाकर पूजन करते हैं। उनका कहना है कि हम विद्वान रावण की पूजा करते हैं। शिव भक्त रावण की पूजा दशहरे के दिन करके रावण का किरदार निभाने जाता हूं। हालांकि, इस बार कोरोना संक्रमण के चलते रामलीला का मंचन नहीं होगा, लेकिन दशहरे के दिन पूजा जरूर करूंगा।
चारों धाम मंदिर का निर्माण कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल ठेकेदार ने कराया था। उनका यह मानना था कि शहर के गरीब लोग चाहते हुए भी चारों धाम की यात्रा धन के अभाव में नहीं कर पाते हैं। इसी कारण उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया। पुराने लखनऊ में यह चारों धाम मंदिर छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध है। इसी चारों धाम मंदिर में रावण का मंदिर है। इस मंदिर में रावण का पूरा दरबार मौजूद है। दरबार में दोनों तरफ जहां रावण के मंत्री बैठे दिखाई देते हैं, वहीं रावण दरबार में ऊपर की ओर विराजमान है। लंकेश ने बताया कि रावण बहुत ही विद्वान, राजनीतिशास्त्र का ज्ञाता और वनस्पति विज्ञान का जानकार पंडित था। रावण की पूजा करने से मेरे मन को संतुष्टि मिलती है।
42 साल से कर रहे रावण का रोल
विष्णु त्रिपाठी लंकेश ने बताया कि चौक के लोहिया पार्क में दशहरे के बाद हर साल होने वाली रामलीला से 1969 से जुड़े हैं। 1978 से लगातार रावण का किरदार निभा रहा हूं। पूरे साल में सिर्फ रामलीला शुरू होने से पूर्व अपने दाढ़ी बनवाते हैं, फिर पूरे साल दाढ़ी में रहते हैं। उन्होंने बताया कि जब रावण के रोल में होते हैं, तब उनके अंदर असीम शक्ति का संचार होता है।
रामलीला ने करायी लंकेश की शादी
विष्णु त्रिपाठी लंकेश ने बताया कि 1978 में रामलीला में परशुराम का रोल था। उसी दिन कानपुर से हमारे देखने के लिए एक परिवार आया था। मेरे रोल को देखकर मेरे ससुर ने मेरी शादी तय कर दी और मेरी शादी कानपुर की रेनू त्रिपाठी से हो गई। उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी कैंसर पीड़ित है और उनका जज्बा मैंने बंधाया तो 2009 से मेरी पत्नी रेनू रामलीला में मेरे साथ मंदोदरी का किरदार निभा रही है। रामलीला में किरदार निभाते हुए मेरी पत्नी के साथ कुछ ऐसा आशीर्वाद हुआ कि कैंसर की मरीज होते हुए भी उन्हें कोई भी दिक्कत नहीं होती। इस बार रोल न करने से मायूस हैं।