कानपुर मेट्रो के लिए कास्टिंग यार्ड की जमीन फंसी, यह है बड़ी वजह Lucknow News
कानपुर कास्टिंग यार्ड के लिए एचबीटीयू में मिलनी थी छह एकड़ जमीन अभी इंतजार। कानपुर मेट्रो स्टेशनों का काम हो सकता है प्रभावित।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में कानपुर मेट्रो को लेकर होने वाली बैठकें भी कास्टिंग यार्ड की जमीन नहीं दिला पा रही हैं। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के भीतर छह एकड़ जमीन न मिलने से कानपुर मेट्रो का प्रोजेक्ट प्रभावित हो सकता है, क्योंकि सभी स्टेशनों के लिए गर्डर की कास्टिंग का काम यार्ड में ही होना है। इससे पहले कार्यदायी संस्था को अपना सेटअप बैठाने के लिए कई सप्ताह का समय चाहिए। अभी तक प्राविधिक शिक्षा विभाग से जमीन का रास्ता साफ न होने के कारण लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों की समस्याएं बढऩा शुरू हो गई हैं।
लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एलएमआरसी) ने कानपुर मेट्रो के 9.5 किलोमीटर रूट पर बनने वाले नौ स्टेशनों के लिए टेंडर पास कर दिया है। यही नहीं कार्यदायी संस्था एफकॉन को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है। अब संबंधित कंपनी के अधिकारी एलएमआरसी अधिकारियों से कास्टिंग यार्ड की जमीन बार बार मांग रहे हैं और लखनऊ मेट्रो के अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे। प्रमुख सचिव आवास के यहां हुई बैठकों में जमीन मिलने को लेकर चर्चा हो चुकी है, लेकिन शासन से अभी तक लखनऊ मेट्रो को लिखित में कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
कानपुर मेट्रो का सिविल वर्क दिसंबर 2021 तक लखनऊ मेट्रो को खत्म करना है। वहीं कार्यदायी संस्था के जुड़े प्रोजेक्ट मैनेजर समझ रहे हैं कि अभी जितने दिन का नुकसान होगा, वह आगे के लिए कष्टकारी होगा। क्योंकि काम लेट होने पर लखनऊ मेट्रो जुर्माना लगाना शुरू कर देगा।
क्या होता है कास्टिंग यार्ड में
मेट्रो स्टेशनों पर सिर्फ पाइलिंग यानी जमीन के नीचे और ऊपर खंभे खड़े करने का काम किया जाएगा। इसके बाद जो भी यू गर्डर और आई गर्डर की कास्टिंग होगी, वह यार्ड में बनाए जाएंगे। एक एक दिन में कई गर्डर रखे जाते हैं, ऐसे में कास्टिंग यार्ड एडवांस में काम करती है।