Lakhimpur Kheri Violence Case: मुख्य आरोपित आशीष समेत तीन की जमानत अर्जी खारिज
Lakhimpur Kheri Violence Case तिकुनिया हिंसा कांड में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत पर आज जिला जज की कोर्ट में बहस हुई। लोअर तथा सेशन कोर्ट से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद जिला जज की कोर्ट में जमानत के लिए अपील की गई थी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखीमपुर-खीरी ङ्क्षहसा कांड के मुख्य आरोपित केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र आशीष मिश्र व दो अन्य आरोपितों आशीष पांडेय व लवकुश राणा की जमानत अर्जी भी जिला जज ने खारिज की है। सोमवार को 11 बजकर पांच मिनट पर जिला जज की अदालत में सबसे पहले आशीष मिश्र की जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई। आशीष मिश्र के वकील अवधेश दुबे ने एफआइआर को पढ़कर सुनाते हुए कहा कि मामला दुर्घटना का है और किसी भी मृतक के शरीर पर पर कोई फायर आर्म इंजरी नहीं है। आरोपित आशीष मिश्र सुबह 11 बजे से लेकर दंगल की समाप्ति तक वहीं बनवीरपुर में रहा। घटनास्थल पर उसकी कोई मौजूदगी नहीं है और न ही वाहन उसके द्वारा चलाया जाना कहा गया। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलिल श्रीवास्तव ने आशीष मिश्र को निर्दोष बताते हुए घटना के हर बिंदु पर लंबी बहस की।
आशीष मिश्र के तीसरे वकील अवधेश कुमार सिंह ने घटना के दिन के कुछ फोटो अदालत के सामने पेश किए। लगभग डेढ़ घटे तक बचाव पक्ष की ओर से हुई बहस में घटना के हर बिंदु को अदालत के समक्ष रखते हुए आशीष मिश्र को निर्दोष साबित करने का प्रयास हुआ। साथ ही घटनास्थल पर उसकी मौजूदगी न होने पर काफी जोर दिया गया। वहीं, अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अरविंद त्रिपाठी ने कहा कि घटना की बावत 84 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं, जिसमें से 60 चश्मदीदों ने आशीष मिश्र को मौके पर होने की बात कही है। मामले में सीओ गोला व एसडीएम गोला भी चश्मदीद गवाह हैं। बैलिस्टिक रिपोर्ट में भी गोली चलने की पुष्टि हुई है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला जज ने आदेश को सुरक्षित कर लिया। देर शाम जिला जज मुकेश मिश्र ने फैसला सुनाते हुए अशीष मिश्र समेत तीनों आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
केंद्रीय राज्यमंत्री समेत 14 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराने की अर्जी पर सुनवाई टली
लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के भाई ने हत्या का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी, उनके पुत्र आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। अर्जी पर सोमवार को सुनवाई होनी थी लेकिन, सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। सीजेएम ने अर्जी पर सुनवाई के लिए थाना तिकुनिया से आख्या तलब की थी। जो कि सोमवार को कोर्ट में दाखिल नहीं की गई।
सुनवाई के दौरान सीजेएम ने दाखिल अर्जी के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया। कहा गया कि दाखिल अर्जी में केंद्रीय राज्यमंत्री को भी पक्षकार बनाया गया है, जिसके चलते अर्जी पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार एमपी-एमएलए विशेष अदालत को ही है। थाना तिकुनिया से मांगी गई रिपोर्ट न आने के कारण सोमवार को अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी। रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सीजेएम कोर्ट में दाखिल 156 (3) की अर्जी पर सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख नियत की गई है। साथ ही थाना तिकुनिया से आख्या भी तलब की गई है।