बाबा! लाइन से निकलो, पहले कराओ इलाज, जानें Medical Facility को लेकर अपने अधिकार Lucknow News
चिकित्सीय व्यवस्था में दुर्बल आय वर्ग और बुजुर्गों के लिए है विशेष अधिकार एक रुपये में मुफ्त इलाज ।
लखनऊ, जेएनएन। पिछले दिनों सीतापुर में समय से इलाज न मिलने पर एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अनशन पर बैठ गए थे, लेकिन अस्पताल में उनको शायद किसी ने यह बताने की जरूरत नहीं समझी कि उन्हें तो लाइन में लगना ही नहीं था। दरअसल, अस्पतालों में भीड़ बुजुर्गों का इलाज दूभर कर रही है। लंबी लाइन में लगकर उनकी सांसें फूल रही हैं। यह हाल तब है जब सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता के आधार पर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दे रखे हैं। ऐसे में जरूरी है अधिकारों के प्रति सजग रहने की। बुजुर्ग ही नहीं, जनसामान्य के भी चिकित्सा को लेकर तमाम अधिकार हैं।
पर्चा-दवा काउंटर अलग
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे के मुताबिक दो वर्ष पहले अस्पतालों को शासनादेश जारी किया गया। इसमें वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता पर इलाज मुहैया कराने के निर्देश हैं। अस्पतालों में 60 उम्र पार लोगों के लिए अलग पर्चा काउंटर, दवा काउंटर हैं। वहीं ओपीडी व जांच केंद्रों पर पहले इलाज के निर्देश जारी किए गए हैं। चिकित्सा संस्थानों में गुलाबी रंग का पंजीकरण कार्ड भी बनता है।
जनसामान्य को सस्ती दर पर इलाज
शहर के केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआइ छोड़कर अन्य सरकारी अस्पतालों में एक रुपये में जनसामान्य को इलाज उपलब्ध है। वहीं ईसीजी का 50 रुपये, ईको का 100 रुपये व ऑपरेशन का ओटी चार्ज 268 रुपये शुल्क है। जांच-दवा सभी की निश्शुल्क है।
गरीबों का नि:शुल्क इलाज
सरकारी अस्पतालों में एक रुपये पर्चे पर दुर्बल आय वर्ग का निश्शुल्क इलाज उपलब्ध है। जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर सभी जांचें, दवा, ऑपरेशन नि:शुल्क हैं। करीब 280 दवाएं सरकार द्वारा अस्पतालों में भेजी जांची हैं।
आयुष्मान लाभार्थी का प्राइवेट में भी इलाज
प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना, मुख्यमंत्री आरोग्य योजना में दुर्बल आयवर्ग के लोगों को शामिल किया गया। इसमें मरीज पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज करा सकता है। इस योजना में प्रदेश के 1484 सरकारी व 858 प्राइवेट अस्पताल संबंद्ध हैं। गोल्डन कार्ड दिखाकर मरीज इलाज पा सकता है। कार्ड नहीं है तो अस्पताल में तैनात आयुष्मान मित्र तत्काल कार्ड बना देंगे।
आय प्रमाण बनवाकर पाएं मुफ्त इलाज
दुर्बल आय वर्ग के लिए बीपीएल कार्ड न होना इलाज में अड़ंगा बन जाता है। ऐसे में व्यक्ति तहसील से आय प्रमाण पत्र बनवा सकता है। 35 हजार से कम आय प्रमाण पत्र लगाने से चिकित्सा संस्थानों में असाध्य रोग का फ्री इलाज मुमकिन है। इसमें कैंसर, लिवर, किडनी व हृदय रोग शामिल हैं। इलाज की यह सुविधा चिकित्सा संस्थानों में मिलेगी।
पीएम-सीएम से भी मांग सकते धन
दुर्बल आय वर्ग के व्यक्ति इलाज के लिए मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री कोष से भी धन की गुजारिश कर सकते हैं। इसके लिए इलाज करने वाले डॉक्टर से खर्च का इस्टीमेट बनवाना होगा। एक प्रार्थनापत्र लिखकर क्षेत्रीय प्रतिनिधि के जरिए सीएम-पीएस को भेजवाना होगा। इसके बाद डीएम से पात्रता की रिपोर्ट मांगी जाएगी। हरी झंडी मिलने पर पैसा हॉस्पिटल में मरीज के नाम से पहुंच जाएगा।