Lucknow Mandi: दो से पांच रुपये किलो का अंतर तो काउंटर से बिक चुका प्याज-आलू, जानिए क्या है भाव
Lucknow Mandi मामूली अंतर के चलते नहीं जुट रहे खरीदार। प्याज की कीमत 45 रुपये में बी ग्रेड का और ए ग्रेड का भाव 60 रुपये प्रति किलो है। आलू 40 से 42 रुपये किलो। वहीं सीतापुर रोड नवीन मंडी के काउंटर पर कीमतें राहतभरी।
लखनऊ [नीरज मिश्र]। Lucknow Mandi: फुटकर मंडी में पुराना आलू 40 से 42 रुपये किलो। अव्वल क्वालिटी का प्याज 60 से 65 रुपये में तो दोयम दर्जे के प्याज की कीमत भी 50 रुपये किलो तक है। लेकिन उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के काउंटरों से जो पुराना आलू बेचा जा रहा है उसकी कीमत 38 रुपये प्रति किलो है।
वहीं, प्याज की कीमत 45 रुपये में बी ग्रेड का और ए ग्रेड का भाव 60 रुपये प्रति किलो है। जरा सोचिए सस्ते के नाम पर महज दो से पांच रुपये बचाने के लिए लोग उद्यान विभाग के काउंटर पर जाएं तो क्यों? दिलचस्प यह है कि काउंटर से बेचे जाने वाले प्याज की यह सस्ती दर है। यही वजह की पिछली बार की तरह काउंटरों पर आमजन कम स्टॉफकर्मी ज्यादा खरीदारी करते देखे जाते हैं। ऐसे में काउंटर से इसे बेचा जाना महज रश्म अदायगीभर है। कर्मचारी कल्याण निगम और पराग के काउंटरों से गुरुवार को भी आलू-प्याज नहीं बेची गई।
मंडी काउंटर पर कीमतें राहतभरी
सीतापुर रोड नवीन मंडी के काउंटर पर आलू और प्याज की कीमतें थोड़ी राहतभरी हैं। यहां आलू 35 रुपये तो प्याज 45 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है। मंडी सचिव संजय सिंह बताते हैं कि नो प्रॉफिट नो लॉस पर आलू और प्याज काउंटर से बेचा जा रहा है। गुरुवार को करीब डेढ़ क्विंटल आलू और एक क्विंटल प्याज की बिक्री हुई। दुबग्गा थोक मंडी के आढ़ती शहनवाज हुसैन बताते हैं कि अच्छी क्वालिटी 35 रुपये किलो के आसपास मंडी में है। रोज एक दो रुपये का उतार-चढ़ाव होता रहता है।
भाव रुपये प्रति किलो
सब्जी-थोक मंडी के रेट-फुटकर मंडी-उद्यान विभाग के काउंटर का भाव
आलू-32 से 35- 40 से 42-38
प्याज-45 से 48- 50 से 65 -60
क्या कहते हैं मंडी सचिव?
मंडी सचिव संजय सिंह के मुताबिक, यहां आलू 35 रुपये तो प्याज 45 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है। नो प्रॉफिट नो लॉस पर आलू और प्याज मंडी काउंटर से बेचा जा रहा है।
क्या कहते हैं कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग?
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रबंध निदेशक डॉ. आरके तोमर कहते हैं कि काउंटर पर अपेक्षित भीड़ नहीं है। किसानों से लिए गए रेट से ही आलू और प्याज का विक्रय किया जा रहा है। गुणवत्ता बेहतर होने की वजह से कीमत में अंतर दिख रहा है।