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कमल के फूल पर सवार होकर आएंगी मां लक्ष्मी, ऐसे करें पूजन Lucknow news

शुभता के ल‍िए घर के बाहर जलाएं एक दीपक। रोशनी से जगमगाए घर और बाजार। भगवान धनवंतरि की हुई पूजा-अर्चना।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 03:37 PM (IST)
कमल के फूल पर सवार होकर आएंगी मां लक्ष्मी, ऐसे करें पूजन  Lucknow news
कमल के फूल पर सवार होकर आएंगी मां लक्ष्मी, ऐसे करें पूजन Lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। रोशनी से नहाए बाजार और गली मुहल्लों में रविवार को होने वाले दीपोत्सव का उल्लास शुक्रवार से ही नजर आने लगा है। रंगीन झालरें समृद्ध भारतीय संस्कृति के उजाले की एहसास करा रही थीं। सुख-समृद्धि की प्रतीक मां लक्ष्मी के आह्वान से पहले शनिवार को छोटी दीपावली मनाई जाएगी।

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इस दिन (नरक चतुर्थी) पर सूर्यास्त के बाद घर के बाहर घूरे पर और जल निकासी के मुख्य नाली के पास दीपक रखा जाएगा। मां लक्ष्मी के आह्वान से पहले सफाई के प्रतीक इस दीपक को जलाकर विघ्नविनाशक श्री गणेश से शुभता की कामना की जाती है। मान्यता है कि इस दीपक से घर से विपन्नता बाहर जाती है तो दूसरी दीपावली पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है।

इससे पहले शुक्रवार को घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में शाम को सूर्योदय से लेकर रात्रि देर रात तक प्रापर्टी, जमीन, जायदाद, मकान, दुकान, आभूषण, सोना, चांदी एवं अन्य कीमती धातु खरीदारी की गई। शाम को प्रदोष काल में मिट्टी के हाथी और भगवान धनवंतरि व भगवान कुबेर की प्रतिमा के सामने दीप जलाकर परिवार के साथ लोगों ने दीप, धूप, इत्र, पुष्प, गंगा जल, अक्षत व रोली के साथ विधि विधान से पूजा-अर्चना की । 'धनत्रयोदशी' मंगलकारक होने की वजह से लोगों ने ऋण मोचन की भगवान से कामना की। दीपावली के दिन पूजन के लिए श्री गणेश व मां लक्ष्मी की प्रतिमाएं भी घर लाई गईं। शाम 7:07 से 8:15 बजे तक पूजन किया गया। शाम 5:38 से 8:15 तक प्रदोष बेला और शाम 6:52 से 8:48 बजे के बीच वृषभ काल में लोगों ने सामानों की खरीदारी कर पूजन किया।

दीपावली पर शुभ मुहूर्त में पूजन करना श्रेयस्कर

दीपावली के दिन मां लक्ष्मी का विधि विधान से आह्वान करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि श्री गणेश के दाहिने मां लक्ष्मी को स्थापित कर विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त में पूजन करना श्रेयस्कर होगा। 27 अक्टूबर को शाम 7:14 बजे से 8:36 बजे तक पूजन का शुभ मुहूर्त है। प्रदोष काल शाम 6:04 से 8:36 बजे तक है जबकि वृषभ काल शाम 7:14 से 9:14 बजे तक है। लक्ष्मीकारक वृष लग्न होने के कारण गृहस्थ और व्यापारी दोनों के लिए यह वृषभ काल फलदायी होगा। दिन में दोपहर 1:48 बजे से 3:13 बजे तक व्यापारी पूजन कर सकते हैं। रात्रि 11:20 से 12:14 बजे के बीच भी पूजन कर सकते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होगी। मिट्टी की बनी प्रतिमाओं का पूजन उत्तम होता है। मां लक्ष्मी के आह्वान के लिए लोग घरों को रोशनी से सजाते हैं।

कमल पर सवार हो कर आएंगी मां लक्ष्मी

कमल के फूल पर सवार होकर मां लक्ष्मी के आने की मंशा के चलते श्रद्धालुओं को कमल पुष्प अर्पित आह्वान करना चाहिए। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि कमल के फूल के साथ ही धूप, दीप और मिष्ठान के संग विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। लाल रंग के नव वस्त्रों, कमल पुष्प के साथ ही दूध, दही, मधु, गंगाजल व मिष्ठान का भोग अर्पित किया। 'ऊं भूर्भव: स्व: महालक्ष्मयै नम:' के उच्चारण के साथ ही मां लक्ष्मी का आह्वान करना चाहिए। षोडशोपचार पूजन और आरती के बाद चूरा, खील, बताशे, लइया, गट्ट, सफेद मिष्ठान और मौसमी फल चढ़ाना चाहिए।

गोधूलि बेला में होगी बही की पूजा

पं.जितेंद्र शास्त्री ने बताया कि प्रतिष्ठान चलाने वाले व्यापारियों ने शुभ मुहूर्त लग्न के साथ ही गोधूलि बेला सूर्यास्त के समय से एक घड़ी पहले (24 मिनट) और सूर्यास्त के एक घड़ी बाद के समय में भी पूजन करना श्रेयस्कर होगा। दीपावली की रात पूजन के बाद सोने से रात्रि विचरण के समय मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। इसके चलते लोगों को देर रात जगना चाहिए। तड़के-ब्रह्म मुहूर्त में बुजुर्ग महिलाओं को दरिद्रता भगाने के लिए सूप बजाते हुए घर के बाहर निकलना चाहिए। 


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