Holi 2019: एकता की होली में उड़ेगा सौहार्द का गुलाल, जानें होलिका दहन का शुभ मुहर्त
20 को जलेगी होली और 21 उड़ेगा गुलाल। भद्रा में नहीं जलेगी होली नौ बजे के बाद होलिका दहन श्रेयस्कर।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। होली का नाम आते ही जिस मस्ती का एहसास होता है, उसकी कल्पना मात्र से ही मन प्रफुल्लित हो उठता है। एकता और भाईचारे की प्रतीक होली में जहां सौहार्द का रंग उड़ेगा। वहीं, एक फिर सदियों पुरानी परंपरा जीवंत होगी। भक्त प्रहलाद और होलिका की कहानी को एक बार फिर होलिका दहन के दिन सभी की जुबां पर होगी। 14 मार्च से शुरू हुआ होलाष्टक होलिका दहन के दिन 20 मार्च को समाप्त होगा।
आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस बार भद्रा के बाद ही होलिका दहन होगा। 20 मार्च को सुबह 10:44 बजे पूर्णिमा लगेगी और 21 को सुबह 7:12 बजे तक रहेगी। आचार्य ने बताया कि 20 को सुबह से रात्रि 8:07 बजे तक भद्रा रहेगी, इसके बाद ही होलिका दहन हो सकेगा। रात्रि 8:58 बजे से 10:43 बजे के बीच होलिका दहन किया जा सकता है। नौ बजे के बाद होलिका दहन श्रेयस्कर होगा।
सूर्यास्त के बाद करें पूजन
आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि होलिका पूजन में डुंडिका देवी का पूजन सूर्यास्त के बाद करना चाहिए अबीर गुलाल मिश्रित जल से होलिका का पूजन करना चाहिये। उपले, नए अनाज की बालियां चढ़ानी चाहिए। होलिका दहन के बाद प्रात: के समय में गन्ने को भूनने के साथ ही होलिका में मिष्ठान अर्पित करना चाहिए। होलिका में नए अनाज की भुनी बालियां और गन्ने भूनकर चूसने केलिए घर लाने चाहिए।
होलिका की परिक्रमा संग होगी फूलों होली
आपसी भाईचारे और सौहार्द के पर्व होली का अपना ही मजा है। मस्ती, उल्लास और हंसी ठिठोली के इस त्योहार को मनाने का अपना-अपना तरीका है। मारवाड़ समाज की महिलाएं जहां होलिका दहन के दिन व्रत रखती हैं। सुख-समृद्धि व पति की दीर्घायु के इस पर्व पर महिलाएं होलिका की परिक्रमा कर कच्चा धागा बांधती है तो दूसरी ओर व्रत रखती हैं।
दिन में होलिका पूजन कर महिलाएं हलवा-पूड़ी का सेवन कर व्रत का पारण करती हैं। मोतीनगर के गोकुलधाम में मारवाड़ी समाज की महिलाएं सज संवर कर न केवल पूजा-अर्चना करेंगी बल्कि फूलों की होली खेलकर खुशियां भी मनाएंगी। संगीता गर्ग, मालिनी, सरिता, विमला देवी समेत समाज की महिलाएं पारंपरिक नृत्य के साथ उत्सव के रंग में खुद को सराबोर करेंगी। बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर परिसर में महिलाएं परंपरागत फूलों के साथ ही प्राकृतिक रंगों की होली खेलेंगी।
जैन मंदिर में होलिकोत्सव
धार्मिक परंपराओं के साथ डालीगंज स्थित जैन मंदिर में जैन समाज के लोगों की ओर से भी होलिकोत्सव मनाया जाएगा। श्री जैन धर्म प्रवद्र्धन सभा की ओर से आयोजित समारोह के दौरान भक्तों ने केसरिया वस्त धारण कर एकता का संकल्प भी लिया जाएगा। कैलाश चंद्र जैन, सिद्धार्थ जैन, विनय कुमार जैन, संजीव जैन, पीके जैन, विमल जैन व विकास जैन समेत कई लोग इस परंपरा का निर्वहन करेंगे।
गुरुद्वारों में होला महल्ला
होली के दिन सिख समाज की ओर से गुरुद्वारों में होला महल्ला मनाया जाएगा। गुरुद्वारों में विशेष प्रकाश के साथ ही शबद-कीर्तन होता है। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि सभी गुरुद्वारों पर विशेष दीवान सजाया जाएगा। शाम सात से रात्रि तक रागी जत्थे शबद कीर्तन पेश करेंगे। लंगर के साथ समापन होगा। गुरुद्वारा आलमबाग के मीडिया प्रभारी हरजीत सिंह ने बताया कि गुरुद्वारे में अमृतसर से आए जसवंत सिंह परवाना होला महल्ला के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
फूलों की होली संग होगी ठिठोली
एक ओर जहां रासायनिक रंगों की धूम होगी तो दूसरी ओर रंगों के त्योहार होली पर शुक्रवार को प्राकृतिक रंगों के साथ ही फूलों की होली खेली जाएगी। आशियाना के सेक्टर-के स्थित द्विवेदी पार्क में आशियाना परिवार की ओर से फूलों की होली के साथ ही फगुआ होगा। आशियाना परिवार के अध्यक्ष आरडी द्विवेदी ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से पार्क में प्राकृतिक रंगों व फूलों की होली खेली जाती है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे से आयोजन शुरू हो जाएगा।
उड़ेगा गुलाल होगी होली की धूम
श्री श्याम परिवार की ओर से बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर परिसर में फूलों के साथ ही प्राकृतिक रंगों से बने रंगों की होली होगी। परिवार महासचिव सुधीश गर्ग ने बताया कि गीले रंगों के साथ ही गुलाल भी इको फ्रेंडिली होगा। महिलाओं के साथ ही बच्चों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। आलमबाग के समर विहार कॉलोनी के सेंट्रल पार्क में भी रंगों को त्योहार मनाया जाएगा। यहां की निवासी अंकिता आडवाणी ने बताया कि आपसी सौहार्द व भाईचारे की इस परंपरा को लेकर सभी में खासा उत्साह है।
दिखेगा पर्वतीय होली का रंग
पर्वतीय समाज की ओर से पंतनगर में होली का उल्लास मनाया जाएगा। पंतनगर के सांस्कृतिक मंच के हरीश चंद्र जोशी ने बताया कि मैदान में उत्तराखंड की संस्कृति देखने को मिलेगी। बैठी व खड़ी होली के साथ ही महिलाएं सामूहिक होली गीत प्रस्तुत कर पहाड़ी संस्कृति से सभी को परिचित कराएंगी। होली को लेकर तैयारियां शुरू हो जाएंगी। पर्वतीय समाज के गणेश चंद्र जोशी ने बताया कि होली आपसी सौहार्द से मनाई जाती है। समाज के लोग पारंपरिक परिधानों के साथ होली का त्योहार मनाते हैं।
चौक से निकलेगा रंगारंग जुलूस
अवध की तहजीब को अपने आंचल में समेटे चौक का रंगारंग जुलूस 21 को निकलेगा। अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि कोनेश्वर मंदिर से निकलने वाला जुलूस विविध मार्गों से होता हुआ वापस आएगा। महामंत्री अनुराग मिश्र ने बताया कि चौक के खुनखुन जी रोड पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। शुभ संस्कार समिति की ओर से सभी जुलूस निकाला जाएगा।