बच्चे व गर्भवती कोरोना के हाई रिस्क पर, स्वास्थ्य विभाग ने किया सतर्क
स्वास्थ्य विभाग लखनऊ ने गर्भवति व बच्चों के लिए जारी किया अलर्ट कोरोना की दृष्टि से हाई रिस्क।
लखनऊ [धर्मेन्द्र मिश्रा]। कोरोना महामारी से बुजुर्गों व सुगर, बीपी, टीबी, दमा, हार्ट व किडनी के मरीजों को पहले ही सचेत किया जा चुका है। अब स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवतियों व बच्चों को लेकर भी नया अलर्ट जारी किया है। इसमें 10 साल से कम उम्र के बच्चों व गर्भवतियों को हाई रिस्क पर रखा गया है। इसलिए इन्हें घर से नहीं निकलने का निर्देश दिया गया है। मेडिकल इमरजेंसी होने पर ही इन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत है। ताकि गर्भवती महिलाओं व बच्चों को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सके। हाईरिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाएं विशेष तौर पर कोरोना के रडार पर हो सकती हैं। क्योंकि ऐसी महिलाओं की इम्युनिटी पहले से कम होती है।
लोहिया संस्थान के मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल में स्त्री एवं प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. यशोधरा प्रदीप ने बताया कि जो महिलाएं एनिमिक, डायबिटिक व बीपी, दमा इत्यादि रोगों से पीड़ित हैं वह हाईरिस्क प्रेग्नेंसी में आती हैं। इसलिए ऐसी गर्भवतियों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश है। क्योंकि इनकी शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कम होती है। ऐसे में वह आसानी से संक्रमण की शिकार हो सकती हैं। संक्रमित होने के बाद उन्हें सामान्य गर्भवतियों से ज्यादा रिस्क हो सकता है।
समय-समय पर कराते रहें जांच
हाईरिस्क प्रेग्नेंसी की वजह विटामिन-बी, आयरन की कमी व हाई ब्लडप्रेशर भी होता है। इसलिए ऐसी महिलाओं को समय-समय पर अपना सुगर-बीपी समेत अन्य रूटीन जांच कराते रहना चाहिए। गर्भवतियों व 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहना चाहिए। मेडिकल इमरजेंसी में कहीं निकलना भी पड़े तो शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ ही मुंह में मास्क अवश्य लगाए रखें।
खान-पान का रखें विशेष ध्यान
गर्भवतियों को खान-पान विशेष ध्यान रखना चाहिए। भोजन में फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन, जिंक, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन डी व सी, अोमेगा-3 का होना बेहद जरूरी है। बदाम, काजू, संतरा, केला, तरबूज, मूंगफली, चुकंदर, राजमा, दालें, दही, सोयाबिन, बीन्स, पनीर इत्यादि का प्रचुर मात्रा में लेना चाहिए।