केजीएमयू में तीन नए कोर्सों के साथ 115 कर्मचारियों की होगी भर्ती, कार्यपरिषद की बैठक में मिली मंजूरी
लखनऊ के केजीएमयू में पीडियाट्रिक प्लास्टर टेक्नीशियन का तीन माह का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होगा। इसके लिए 12वीं पास छात्र दस हजार रुपये की फीस के साथ आवेदन कर सकेंगे। दाखिले मेरिट और साक्षात्कार के आधार पर होंगे।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में तीन नए कोर्स शुरू होंगे। इसके साथ ही रेडियोथेरेपी विभाग में 115 पैरामेडिकल स्टाफ और कर्मचारियो की भर्ती की जाएगी। शुक्रवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में इन मामलों पर स्वीकृति दी गई। केजीएमयू में पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग में बच्चों के प्लास्टर पर पीडियाट्रिक प्लास्टर टेक्नीशियन का तीन माह का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होगा। दस हजार रुपये की फीस के साथ इसके लिए 12वीं पास छात्र आवेदन कर सकेंगे। उनकी मेरिट और साक्षात्कार के आधार पर दाखिले होंगे। तीन महीने की पढ़ाई पूरी होने के बाद छात्रों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम की फीस तय की गई है।
इसके अलावा पैरामेडिकल संकाय में डिप्लोमा इन आडियो एंड स्पीच थेरेपी टेक्नीशियन और डिप्लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्नीशियन पाठ्यक्रम चलेगा। दो वर्षों के इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी में आवेदन करना होगा। दोनों पाठ्यक्रम में अधिकतम 30-30 छात्रों को दाखिला मिलेगा। कार्य परिषद में प्रशिक्षित नर्सों को मानदेय और नई भर्ती पालिसी पर भी मुहर लगाई है।
115 पदों पर होगी भर्ती : रेडियोथेरेपी विभाग में कैंसर मरीजों को और बेहतर इलाज मिलेगा। प्रवक्ता डा. सुधीर सिंह के अनुसार, 115 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसमें नर्स, टेक्नीशियन, सहायक कर्मचारी आदि पद शामिल किए गए हैं। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
पंचकर्म सेंटर खुलेगा : केजीएमयू में पंचकर्म सेंटर शुरू होगा। इसके लिए कार्यपरिषद ने प्रस्ताव आयुष मंत्रालय भेजने का फैसला किया है। ट्रामा सेंटर के अधीक्षक और ट्रामा सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. संदीप तिवारी के प्रस्ताव पर यह फैसला लिया गया है। इसके लिए पंचकर्म सेंटर के लिए अलग भवन तैयार होगा।
वीडियो रिकार्डिंग देने पर फैसला नहीं : कार्य परिषद बैठक में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग से बर्खास्त डा. आशीष वाखलू ने कार्यपरिषद की वीडियो रिकार्डिंग देने की मांग की। यह मामला सूचना आयोग भी पहुंचा था। केजीएमयू का कहना है कि इससे गोपनीयता भंग हो सकती है। हालांकि, डा. आशीष वाखलू का कहना है कि कार्य परिषद की रिकार्डिंग का आदेश राज्यपाल का है। कार्य परिषद के बिंदु केजीएमयू की वेबसाइट पर डालकर सार्वजनिक किये जाते हैं, फिर कार्य परिषद की वीडियो रिकार्डिंग क्यों नहीं दी जा सकती।