Video: केबीसी में करोड़पति बनीं हिमानी बोलीं-सिर्फ लखनऊ में है ऐसी यूनिवर्सिटी, जहां एक साथ पढ़ते हैं डिफरेंटली एबल्ड बच्चे
कुलसचिव अमित कुमार सिंह ने बताया कि सर्च रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन एक हजार से दो हजार लोग साइट पर सर्च करते थे लेकिन अब पिछले दो दिनों से यह संख्या बढ़कर 20 से 25 हजार पहुंच गई। विश्वविद्यालय को विश्वपटल पर नाम मिला है।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कौन बनेगा करोड़पति में एक करोड़ का पुरस्कार जीतने वाली हिमानी ने लखनऊ के डा.शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय का नाम लिया तो अचानक इसका नाम देश ही नहीं पूरी दुनिया में छा गया। पिछले पांच दिनों में विश्वविद्यालय की साइट पर विजिट करने वालों की संख्या भी हजारों में पहुंच गई। शो के दोरान हिमानी ने कहा कि लखनऊ में डा.शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय एक ऐसी खास जगह है, जहां डिफरेंटली एबल्ड बच्चे एक साथ पढ़ाई करते हैं। विवि के कुलसचिव अमित कुमार सिंह ने बताया कि सर्च रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन एक हजार से दो हजार लोग साइट पर सर्च करते थे, लेकिन अब पिछले दो दिनों से यह संख्या बढ़कर 20 से 25 हजार पहुंच गई। विश्वविद्यालय को विश्वपटल पर नाम मिला है। सामान्य के साथ ही खास विद्यार्थियों को यहां गुणवत्तायुक्त शिक्षा दी जाती है। महिला छात्रावास में रहकर हिमानी ने 2014 में शिक्षाशस्त्र में बीएड किया था।
मैथ मैजिक ने बना दिया हिमानी को करोड़पति : कौन बनेगा करोड़पति में एक करोड़ रुपये जीतकर परिवार को आर्थिक समृद्धि की रोशनी देने वाली दृष्टिबाधित हिमानी अपने जैसे लोगों के लिए कोचिंग खोलकर उनकी अंधेरी जिंदगी में ज्ञान का उजियारा करना चाहती है। आगरा के राजपुर की रहने वाली हिमानी ने लखनऊ के डा.शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय से बीएड की पढ़ाई की और फिर केंद्रीय विद्यालय में प्राइमरी टीचर के रूप में पहले ही अटेंम्ट में चयन हो गया।
.और केबीसी में एक करोड़ की विनर हिमानी ने कहा-सिर्फ लखनऊ में है ऐसी यूनिवर्सिटी है जहां, डिफरेंटली एबल्ड बच्चे एक साथ पढ़ाई कर सकते हैं..पूरी बात सुनें-@dainikjagranlko @JagranNews pic.twitter.com/5prGw1vrHV— Pawan Tiwari🇮🇳 🇮🇳 (@pawan_pawant) August 31, 2021
प्राइवेट नौकरी करने वाले पिता विजय के सामने जहां पांच बहनों और एक भाई को गुणवत्तायुक्त पढ़ाई कराने की चुनौती को हिमानी ने करीब से महसूस किया तो खुद अलग करने की इच्छा बचपन से ही बचपन से ही थी। गृहणी मां सरोज के साथ काम में हाथ बटाते हुए खुद के साथ बड़ी बहन चेतना के साथ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी। मैजिक मैथ के नाम से नया फार्मूला तैयार करके बच्चों को पढ़ाती हैं। हिमानी की बड़ी बहन चेतना ने बताया मैजिक मैथ मन में सवाल हल करके तुरंत बताना होता है। कक्षा नौ में उसकी आंखों से धुंधला दिखाई पड़ने लगा था लेकिन किसी को वह शेयर नहीं करती थी। 11वीं कक्षा में साइकिल से स्कूल जाते समय एक्सीडेंट हुआ और फिर जिंदगी अंधरे में डूब गई। राेशनी की आस खो चुके परिवार से काफी प्रयास किया लेकिन रोशनी नहीं आई।
डाक्टर बनना चाहती थी हिमानी : हिमानी की आंखों की रोशनी जाने से पहले डाक्टर बनना चाहती थीं वह आंखों का, लेकिन इंटर बायोलोजी से करने के बावजूद उनका उनका प्रवेश बीएससी में किसी कालेज ने नहीं लिया। लखनऊ के डा.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में हिमानी का प्रवेश हुआ तो हिमानी को करोड़पति बनने जैसा एहसास उसी समय हुआ था।
पहली बार में हुआ चयन : दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कोचिंग का सपना देखने और कौन बनेगा करोड़पति को इसका सशक्त जरिया बनाकर उन्होंने पहली बार में जगह बना ली। जीके को पढ़ना हिमानी का बचन का शौक था। अब मिले पैसों से वह पिता जी के लिए बिजनेस और दिव्यांगों के लिए काेचिंग खोलेंगी। वह कहती हैं कि बहन भावना, पूजा और भाई रोहित के हौसले और बड़ी बहन चेतना के सहयोग से यह करने में सफल हुई हूं।
कुलपति ने दी बधाई करेंगे सम्मान : .शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविवद्यालय के कुलपति प्रो.आरकेपी सिंह ने कहा कि उसकी प्रतिभा से विश्वविद्यालय भी गौरवांवित हुआ है। उन्होंने हिमानी को बधाई दी और शीघ्र ही सम्मान की बात कही है। कुलसचिच अमित कुमार सिंह ने बताया कि हिमानी से प्रेरणा लेकर उन जैसे बच्चे आगे बढ़ेंगे। हिमानी ने कौन बनेगा करोड़पति के सेट से विश्वविद्यालय की तारीफ की है जिसके लिए पूरा विश्वविद्यालय उनको बधाई देता है।